बिलासपुर जिले की गोबिंद सागर झील में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए मत्स्य विभाग झील में 50 लाख से अधिक बीज छोड़ेगा।
मत्स्य विभाग के निदेशक विवेक चंदेल ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि झील में बीज डालने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू कर दी गई तथा लुहणु मैदान के निकट झील में लगभग आठ लाख बीज डाले गए।
उन्होंने कहा कि झील में जिन प्रजातियों के बीज डाले गए हैं उनमें रोहू, कतला, मृगुल, सिल्वर कार्प और ग्रास कार्प शामिल हैं।
चंदेल ने बताया कि मछली के बीज अलग-अलग जगहों पर डाले जाएंगे ताकि भाखड़ा से कंदरौर तक फैले पूरे झील क्षेत्र में उत्पादन संतुलन को बनाए रखा जा सके। उन्होंने बताया कि कुछ बीज रायपुर मैदान और ऊना जिले के लठियानी के पास की झील में भी डाले जाएंगे क्योंकि झील उन इलाकों में भी फैली हुई है। चंदेल ने बताया कि 50 फीसदी बीज सिल्वर कार्प के होंगे क्योंकि इस किस्म को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में झील से मछली उत्पादन में 8 मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। चंदेल ने बताया कि मछली के बीज डालने की प्रक्रिया एक महीने में पूरी हो जाएगी।