नूरपुर पुलिस जिला की स्थापना के दो वर्ष बाद, नूरपुर, जवाली, फतेहपुर और इंदौरा उपमंडलों में खनन और ड्रग माफियाओं की नापाक गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी आई है, जिसका कारण नियमित कार्रवाई है।
पूर्व मंत्री राकेश पठानिया के प्रयासों से पिछली जय राम ठाकुर सरकार ने नूरपुर पुलिस जिला स्थापित किया था, जिसने सितंबर 2022 में काम करना शुरू कर दिया था।
क्षेत्र के लोगों का मानना है कि पिछले दो वर्षों में अवैध गतिविधियों पर पुलिस की नियमित कार्रवाई तथा भारी जुर्माना व दंड की वसूली ने नूरपुर पुलिस जिले की स्थापना को उचित ठहराया है।
नूरपुर एसपी कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पुलिस ने पिछले दो वर्षों में अवैध खनन के खिलाफ 1,793 चालान जारी करके 2 करोड़ रुपये वसूले हैं। खनन और खनिज अधिनियम के तहत अपराधियों के खिलाफ अठारह एफआईआर दर्ज की गईं और जिले में अवैध खनन में इस्तेमाल की जा रही मशीनरी सहित 81 वाहन जब्त किए गए।
पुलिस ने ड्रग माफिया के खिलाफ भी आक्रामक अभियान चलाया था, जिसके अंतर्राज्यीय संबंध थे। यह राज्य का एकमात्र पुलिस जिला है, जहां नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (PITNDPS) अधिनियम के तहत तीन मामले दर्ज किए गए। तीन कुख्यात ड्रग तस्करों को एहतियातन हिरासत में रखा गया है।
नूरपुर के एसपी अशोक रतन, जिन्होंने हाल ही में नवगठित देहरा पुलिस जिले में अतिरिक्त कार्यभार संभाला है, ने ट्रिब्यून को बताया कि नूरपुर जिला पुलिस ने पिछले दो सालों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 212 मामले दर्ज किए हैं। जांच के बाद सात आदतन ड्रग तस्करों की 15.25 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की गई है।
उन्होंने कहा, “पुलिस ने ड्रग तस्करों से 25 किलोग्राम चरस, 36 किलोग्राम पोस्त की भूसी, 5.45 किलोग्राम हेरोइन (चिट्टा) और 1.29 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं।”
एसपी ने बताया कि इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के माध्यम से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के 8,939 ऑनलाइन चालान जारी किए गए और 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया।