विवादित आश्रम और उससे सटी जमीन को लेकर शनिवार शाम रामकृष्ण मिशन और ब्रम्ह समाज के सदस्यों के बीच झड़प हो गई, जिसमें पुलिसकर्मियों सहित सात लोग घायल हो गए।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं और घटना में शामिल कई लोगों की पहचान की गई है। उन्होंने कहा, “आगे की जांच जारी है।”
यह घटना उस समय हुई जब ब्रह्मो समाज के भक्त विधानसभा के पास स्थित मिशन आश्रम में आरती के लिए पहुंचे। रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी तन्महिमानंद ने बताया, “भक्तों के रूप में कई लोग आरती के लिए मंदिर पहुंचे। जब हमने उनसे आरती के बाद मंदिर छोड़ने के लिए कहा क्योंकि हम मंदिर बंद करना चाहते थे, तो उन्होंने नारेबाजी और बहस शुरू कर दी।”
बहस जल्द ही झड़प में बदल गई जिसमें पत्थर और लाठियों का इस्तेमाल किया गया। स्वामी तन्महिमानंद ने कहा, “ब्रह्म समाज ने 2014 में धार्मिक उद्देश्यों के लिए मंदिर को मिशन को दे दिया था, लेकिन आज इसके सदस्यों ने मंदिर में हंगामा किया।”
पुलिस के मुताबिक, कुछ लोग पत्थर लेकर आए और मंदिर पर पत्थर फेंकने लगे। एसपी ने कहा, “इस घटना में कुछ यूनिवर्सिटी और कॉलेज के छात्र भी शामिल थे।”
हिमालय ब्रह्मो समाज के ट्रस्टी एमआर संगरोली ने कहा कि हिंसा उनके सदस्यों द्वारा नहीं भड़काई गई थी। उन्होंने दावा किया, “मंदिर ब्रह्मो समाज का है। इसके सदस्य मंदिर गए और जब वे पूजा कर रहे थे, तो मिशन के सदस्यों ने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और हिंसा भड़का दी।”
उनके अनुसार मंदिर के स्वामित्व को लेकर मामला अदालत में लंबित है।