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क्तसर में 73 फीसदी पानी के नमूने जांच में विफल

73% water samples fail test in Muktsar

चालू वर्ष के प्रथम छह महीनों में मुक्तसर जिले में 73 प्रतिशत से अधिक जल नमूने पेयजल परीक्षण में असफल रहे।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने 1 जनवरी से 30 जून के बीच विभिन्न स्थानों से 45 पानी के नमूने उठाए थे, जिनमें से सिर्फ़ 12 पीने योग्य पाए गए जबकि शेष 33 परीक्षण में विफल रहे। परीक्षण में विफल होने वाले पानी के नमूनों में या तो बैक्टीरिया का संदूषण था या कठोरता का स्तर अनुमेय सीमा से अधिक था।

मुक्तसर के जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. हरकीर्तन सिंह ने कहा, “हमारी टीमें सार्वजनिक स्थानों से पानी के नमूने बेतरतीब ढंग से उठाती हैं। अगर पानी का नमूना पीने योग्य नहीं पाया जाता है, तो हम पानी के स्रोत पर क्लोरीनीकरण करते हैं और दोबारा नमूना लेते हैं। कुछ मामलों में, हम पानी के स्रोत को बदलने की भी सलाह देते हैं।”

उल्लेखनीय है कि जिले के अधिकांश हिस्सों में भूजल मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त है और विभिन्न खामियों के कारण बड़ी संख्या में रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) जल उपचार संयंत्र बंद पड़े हैं। ये आरओ प्लांट राज्य सरकार ने निजी कंपनियों के साथ मिलकर करीब 15 साल पहले लगाए थे।

राहुरियांवाली गांव के निवासी डिंपल सिंह, सुखपाल सिंह, शमशेर सिंह ने कहा, “पानी से होने वाली बीमारियों का खतरा है और सरकार को गांवों में आरओ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को फिर से चालू करना चाहिए। भूजल पीने लायक नहीं है और हमें पीने के लिए टैंकरों से पानी लाना पड़ता है।”

 

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