सैनी सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर बिलासपुर का नाम बदलकर महर्षि व्यास के नाम पर व्यासपुर करने के आठ महीने बाद भी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय नाम परिवर्तन के बारे में अंधेरे में है।
आरटीआई आवेदन के जवाब में न्यायालय के संयुक्त रजिस्ट्रार (नियम)-सह-लोक सूचना अधिकारी नवीन कुमार शर्मा ने कहा, “बिलासपुर जिला, यमुनानगर के उपमंडल का नाम बदलने के संबंध में 23 सितंबर, 2025 तक उच्च न्यायालय में कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है।”
यह आवेदन अधिवक्ता हेमंत कुमार द्वारा दायर किया गया था, जो जानना चाहते थे कि क्या हरियाणा सरकार द्वारा बिलासपुर उपखंड का नाम बदलने के बारे में अदालत के साथ कोई “अनिवार्य परामर्श” किया गया था।
आरटीआई आवेदन दायर करने की तात्कालिक वजह राज्य के मुख्य सचिव का 15 सितंबर का वह आदेश था जिसमें व्यासपुर के एसडीएम को बाबा बंदा सिंह बहादुर लोहगढ़ फाउंडेशन के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। कुमार ने तर्क दिया, “बिलासपुर गाँव का नाम बदलने मात्र से बिलासपुर उपमंडल का नाम स्वतः नहीं बदल जाता।”
14 जनवरी को सरकार ने आधिकारिक तौर पर बिलासपुर का नाम बदलकर व्यासपुर कर दिया था। इस बदलाव की अधिसूचना 29 अप्रैल को जारी की गई थी