ग्रेटर नोएडा, 15 दिसंबर । यमुना एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों के आंकड़े सामने आए हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल हादसों की संख्या बढ़ी है। 2022 में यमुना एक्सप्रेस-वे पर 303 सड़क हादसे हुए थे, तो वहीं इस साल 2023 में नवंबर तक 378 सड़क हादसे हो चुके हैं।
हालांकि, इस साल सड़क हादसों में मौतों का आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले कम है। अब तक इस साल 89 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे ग्रेटर नोएडा के परी चौक से लेकर आगरा तक 165 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे है। पश्चिमी उत्तर के लोग अलीगढ़, मथुरा, आगरा, एटा, मैनपुरी जाने के लिए इस एक्सप्रेस-वे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। वहीं, पूर्वांचल और लखनऊ की तरफ जाने वाले लोग भी इसी एक्सप्रेस-वे के जरिए लखनऊ एक्सप्रेस-वे तक जाते हैं। ऐसे में यह एक्सप्रेस-वे महत्वपूर्ण हो जाता है।
इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिसके कारण सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे पर पिछले 5 सालों में 2,174 सड़क हादसे हुए हैं। इन सड़क हादसों में 648 लोगों ने अपनी जान का गंवाई है, वहीं 4,612 लोग इन सड़क हादसों में घायल हुए। लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को लेकर 2019 में आईआईटी दिल्ली द्वारा यमुना एक्सप्रेस-वे का ऑडिट कराया गया। उन्होंने कई दिशा निर्देश दिए।
इसके बाद उनकी तरफ से रंबल स्ट्रिप, गति पर नियंत्रण करने के लिए चालान सिस्टम दुरुस्त करने, साइन बोर्ड की संख्या बढ़ाने, फल्स मीडियम आदि जैसे प्रस्ताव दिए गए थे। इसे अमल करने के बाद 2020 से यमुना एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसों में कमी आनी शुरू हो गई। यमुना एक्सप्रेस-वे पर 2020 में 509 सड़क हादसे हुए, जिनमें 122 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 1015 लोग घायल हुए। वहीं, 2021 में सड़क हादसे घटे और इनकी संख्या 424 हो गई। जान गंवाने वालों की संख्या 136 हुई और घायलों की संख्या 958 हो गई।