जींद जिले में बुधवार रात को दो अलग-अलग घटनाओं में करीब नौ एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई। ऐसा कथित तौर पर ओवरहेड बिजली लाइनों में शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ। किसानों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया और नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है।
पहली घटना दालमवाला-शाहपुर रोड के किनारे श्रीराग खेड़ा गांव के पास हुई, जहां ऊपर से बिजली के तारों से निकली चिंगारी से सूखी गेहूं की फसल में आग लग गई। स्थानीय लोगों ने अग्निशमन सेवाओं और आपातकालीन हेल्पलाइन 112 को सूचित किया, लेकिन दावा किया कि प्रतिक्रिया में देरी हुई।
किसान सुखबीर ने कहा, “हमने ट्रैक्टरों और हैरो का इस्तेमाल करके आग पर काबू पाने की कोशिश की और खेतों के चारों ओर खाई खोदी ताकि आग फैल न सके।” “गांव वाले पानी के ड्रम लेकर आए और हाथ से आग बुझाने में मदद की, लेकिन जब तक दमकल गाड़ियां पहुंचीं, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।”
सुखबीर ने बताया कि उनकी पांच एकड़ फसल बर्बाद हो गई, जबकि दिलशेर की 1.5 एकड़ और दूसरे किसान की दो एकड़ फसल बर्बाद हो गई। सुखबीर ने बताया, “बिजली लाइन में खराबी आ गई थी, जिसकी सूचना देने के बावजूद अधिकारी उसे ठीक नहीं कर पाए। मैंने सदर पुलिस थाने में बिजली विभाग के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कराया है।”
रोहतक रोड पर हुई दूसरी घटना में एक यूकेलिप्टस का पेड़ बिजली की लाइन पर गिर गया, जिससे चिंगारी निकली और स्थानीय गुरुद्वारे के स्वामित्व वाले गेहूं के खेत में आग लग गई।
गुरुद्वारे के सेवादार गुरविंदर सिंह चौगामा ने बताया, “एक एकड़ खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई।” “हमने पानी के पंप लगे ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया और फायर ब्रिगेड को बुलाया। आग पर काबू पाने में करीब दो घंटे लगे।”
दोनों घटनाओं से प्रभावित किसानों ने अधिकारियों से विद्युत विभाग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने तथा महत्वपूर्ण फसल सीजन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करने का आग्रह किया है।