पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किए जा रहे आइस और रोलर स्केटिंग रिंक के लिए धर्मशाला के लोअर सकोह क्षेत्र में 98 पेड़ काटे गए हैं। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि पेड़ों को वन विभाग से उचित अनुमति लेकर काटा गया है, लेकिन इस कदम की स्थानीय निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने तीखी आलोचना की है।
सकोह के निवासी संजीव चौधरी ने इस घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “इनमें से कुछ पेड़ कम से कम 50 साल पुराने थे। हम अपने गांव में इन शानदार पेड़ों को देखते-देखते बूढ़े हो गए हैं, जो अब धर्मशाला शहर का हिस्सा है। उन्हें कटते देखना दिल दहला देने वाला था।”
पशु अधिकार कार्यकर्ता धीरज महाजन ने पेड़ों की कटाई के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य को अभी तक इस परियोजना के लिए एशियाई विकास बैंक (ADB) से धन नहीं मिला है। उन्होंने कहा, “उन्होंने सिर्फ़ धन की उम्मीद में पेड़ों को काट दिया। बेहतर योजना बनाकर पेड़ों को संरक्षित किया जा सकता था। अगर परियोजना को स्थगित कर दिया गया तो क्या होगा? नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती।”
जिला पर्यटन अधिकारी (डीटीओ) विनय धीमान ने पुष्टि की कि वन विभाग से मंजूरी मिलने के बाद कई छोटे पेड़ों सहित 98 पेड़ काटे गए। उन्होंने कहा, “इस परियोजना को पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सकोह में एक आइस और रोलर स्केटिंग रिंक बनाया जाएगा।”
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