पुणे (महाराष्ट्र), 27 मई । पुणे पुलिस ने शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पोर्श कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग आरोपी की ब्लड रिपोर्ट के साथ ‘छेड़छाड़’ के आरोप में सोमवार को सरकारी अस्पताल के दो वरिष्ठ डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया। दुर्घटना में दो इंजीनियरों की मौत हो गई थी।
यरवदा पुलिस स्टेशन की टीम ने फॉरेंसिक टीम के प्रमुख डॉ. अजय तावरे और सरकारी ससून अस्पताल के ब्लड बैंक से जुड़े डॉ. श्रीहरि हल्नोर को उनके घरों से गिरफ्तार किया।
दोनों पर नाबालिग लड़के के रक्त के नमूनों में हेरफेर करने और गलत रक्त परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का संदेह है। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने पिछले सप्ताह कहा था कि पुलिस ने नाबालिग के रक्त के नमूने को जांच के लिए एक निजी अस्पताल में भी भेजा है। जांचकर्ताओं ने उनका मिलान करने के लिए डीएनए परीक्षण की भी योजना बनाई है। पुलिस को सरकारी अस्पताल में रक्त के नमूने की जांच रिपोर्ट पर संदेह है।
शहर के एक प्रमुख बिल्डर विशाल एस. अग्रवाल के नाबालिग बेटे की रक्त रिपोर्ट ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। उसमें उसे क्लीन चिट दे दिया गया था। 19 मई को कल्याणी में हुई घातक दुर्घटना के 15 घंटों के भीतर उसे जमानत मिल गई थी। दुर्घटना में आईटी इंजीनियर अश्विनी कोष्टा और उसके दोस्त अनीश अवधिया की मौत हो गई थी। दोनों मध्यप्रदेश के रहने वाले थे।
नाबालिब फिलहाल पुणे के एक किशोर सुधार गृह में बंद है। उसके पिता न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल भी इसी मामले में पुलिस हिरासत में हैं।
मामले में सरकारी अस्पताल के दो डॉक्टरों के अलावा, पुणे पुलिस ने 24 मई को दो पुलिसकर्मियों – पीआई राहुल जगदाले और एपीआई विश्वनाथ टोडकरी को ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया था।
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