November 27, 2024
National

केदारनाथ धाम में चौथे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, पांच मंत्रियों की लगेगी ड्यूटी : भाजपा

देहरादून, 4 अगस्त । केदारनाथ धाम में आपदा के बाद लगातार चौथे दिन राहत-बचाव कार्य जारी है। एनडीआरएफ, वायु सेना और स्थानीय पुलिस फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकालने में जुटे हैं। इस बीच उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने अहम फैसला लिया है। यहां प्रदेश सरकार के पांच मंत्री राहत कार्यों पर नजर रखेंगे।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने कहा कि उत्तराखंड में इस समय आपदा आई हुई है। हमारे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मंत्री और सभी विधायक इन सब पर नजर बनाए हुए हैं। हम आपदा प्रभावित क्षेत्र में लगातार काम कर रहे हैं। केदारनाथ में पांच मंत्रियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता आपदा से निपटना है। इसके बाद हम उप चुनाव के लिए चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में भयंकर आपदा आई हुई है। केदारनाथ धाम में बादल फटने से हजारों यात्री फंस गए। रिपोर्ट के अनुसार अब तक 9 हजार तीर्थयात्रियों को बचाया जा चुका है, जबकि अभी भी केदारनाथ, गौरीकुंड और सोनप्रयाग के इलाके में एक हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। वायु सेना की मदद से फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने आगामी उप चुनाव को लेकर भी अपनी प्रतिकिया दी। उन्होंने कहा कि ”भाजपा विधायक शैलारानी रावत का निधन हो गया है, जिसके कारण केदारनाथ की विधानसभा सीट रिक्त हो गई है। 6 महीने के भीतर चुनाव कराए जाएंगे। लोकतंत्र की प्रक्रिया के अनुसार हमें उसमें सहभागिता करनी है।”

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पुष्कर सिंह धामी की सरकार लगातार अच्छा काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड के प्रति असीम प्रेम और स्नेह है। मैं कह सकता हूं कि केदारनाथ में आगामी उप चुनाव के चलते हमारे सामने कोई चुनौती नहीं है।

कांग्रेस चाहे कितनी भी नौटंकी और परपंच कर ले कोई भी प्रोपगांडा फैला ले उससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को जनता का आशीर्वाद मिला है। सरकार की पहली प्राथमिकता आपदा से निपटना है। इसके बाद हम उप चुनाव के लिए चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे।

बता दें कि भाजपा विधायक शैलारानी रावत का निधन बीते 9 जुलाई को हो गया था। इसकी वजह से रिक्त सीट पर उपचुनाव होना है। बताया जा रहा है कि अक्टूबर के अंत में निर्वाचन आयोग केदारनाथ में उप चुनाव करा सकता है।

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