शिमला, 13 अगस्त बिजली पर सब्सिडी वापस लेने, ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति पर शुल्क लगाने तथा हिमकेयर योजना के तहत निजी अस्पतालों को बाहर रखने का मुद्दा 27 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के 10 दिवसीय मानसून सत्र में गूंजने वाला है।
भाजपा विधायक दल की कल रात यहां हुई बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में सब्सिडी वाली बिजली और मुफ्त पानी वापस लेने के लिए कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा जाएगा और इन फैसलों को जनविरोधी करार दिया जाएगा। बैठक विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई।
भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों में सब्सिडी वाली बिजली और मुफ्त पानी को वापस लेने के लिए कांग्रेस शासन पर निशाना साधेगी और इन फैसलों को जनविरोधी करार देगी। पार्टी हिमकेयर उपचार के दायरे से निजी अस्पतालों को बाहर करने पर सरकार से सवाल पूछेगी। भाजपा का कहना है कि इस फैसले से लोगों को असुविधा होगी। मानसून के कारण हुए नुकसान, पिछले वर्ष क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे की मरम्मत करने में सरकार की विफलता जैसे मुद्दे भी सत्र के दौरान भाजपा द्वारा उठाए जाने की संभावना है।
बैठक में 28 भाजपा विधायकों के अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल भी मौजूद थे। बैठक में तीन नवनिर्वाचित विधायक सुधीर शर्मा (धर्मशाला), आईडी लखनपाल (बड़सर) और आशीष शर्मा (हमीरपुर) भी शामिल हुए। विपक्षी विधायकों ने मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की।
हिमकेयर उपचार से निजी अस्पतालों को बाहर रखने के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरेगी। भाजपा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है और कहती रही है कि निजी अस्पतालों को बाहर रखने से लोगों को असुविधा होगी। इसी तरह, बिजली आपूर्ति पर सब्सिडी वापस लेने का मुद्दा भी एक ऐसा मुद्दा है जिसका इस्तेमाल भाजपा सुखू सरकार को घेरने के लिए करेगी, खासकर 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस द्वारा 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की गारंटी की पृष्ठभूमि में।
ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति के लिए पैसे वसूलने के सरकार के फैसले पर भी भाजपा नाराज है। पिछली भाजपा सरकार ने ही ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह से मुफ्त कर दी थी।
मानसून के कारण हुए नुकसान, पिछले साल क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे की मरम्मत करने में सरकार की विफलता जैसे अन्य मुद्दे भी सत्र के दौरान भाजपा द्वारा उठाए जाने की संभावना है। सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना एक और मुद्दा है जिसे भाजपा विधानसभा में उठा सकती है।
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