अहमदाबाद, 18 अगस्त । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नये नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत यहां 188 पाकिस्तानी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता प्रदान की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। पाकिस्तान से उत्पीड़न का सामना करने वाले शरणार्थी आज हमारे परिवार में शामिल हुए हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने सीएए पारित करके लाखों शरणार्थियों को न्याय और अधिकार दिया है।
नागरिकता पाने वाली मीरा बेन ने कहा, “मैं 15 साल पहले भारत आई थी। वहां मुस्लिम समुदाय के लोग मुझे परेशान करते थे। यहां आने के बाद मुझे जीने का मतलब समझ में आया है। आज मुझे अपना नागरिकता प्रमाणपत्र मिल गया है जिससे मुझे बहुत खुशी है।”
बरखा अरोड़ा ने कहा, “मैं पाकिस्तान से आई हूं। मैंने 11 साल भारत में बिताए हैं। पाकिस्तान में लड़कियों के लिए रहना सुरक्षित नहीं था। मुझे जो सुविधाएं यहां मिलती हैं, वे पाकिस्तान में नहीं मिलती थी। वहां चोरी-डकैती की समस्या ज्यादा थी। मुझे 15 दिन की प्रक्रिया में नागरिकता प्रमाणपत्र मिल गया। मुझे बहुत खुशी है।”
रवशी को भी आज भारत की नागरिकता मिली। उसने कहा, “मैं 1995 में भारत आया था। वहां मुस्लिम लोगों की वजह से काफी परेशानी थी। हम चार भाई थे। फिर हम चारों ने सीमा पार कर भारत आने का फैसला किया। यहां आने में कोई परेशानी नहीं हुई। आज मुझे नागरिकता प्रमाणपत्र मिल रहा है। इसके लिए मैं पीएम मोदी का शुक्रिया अदा करता हूं।”
संबोधन के दौरान कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा कि उसके लंबे शासनकाल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लाखों हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध शरणार्थियों को न्याय नहीं मिला। भारत का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ था। बंटवारे के समय हिंदुओं, जैन, बौद्ध और सिखों को भारतीय नागरिकता देने का वादा किया गया था। कुछ समय बाद कांग्रेस बंटवारे के समय शरणार्थियों से किए गए वादे को भूल गई। कांग्रेस के वोट बैंक और मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण हिंदुओं को भारत में नागरिकता नहीं मिली।
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