रांची, 22 अगस्त । झारखंड एटीएस ने गुरुवार को आतंकी संगठन अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेन्ट (एक्यूआईएस) के जिस मॉड्यूल का खुलासा किया है, उसने दिल्ली सहित देश के कई शहरों में आतंकी हमले का प्लान रचा था। एटीएस ने एनआईए के साथ मिलकर रांची, लोहरदगा और हजारीबाग में की गई छापेमारी में कम से कम आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस मॉड्यूल का संचालन रांची निवासी डॉ. इश्तियाक कर रहा था और उसने इस मॉड्यूल का विस्तार राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक कर लिया था। डॉ. इश्तियाक रांची के एक प्रतिष्ठित प्राइवेट हॉस्पिटल में सेवा दे रहा था। राजस्थान और उत्तर प्रदेश से भी इस मॉड्यूल के आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए आतंकियों के पास से एके-47 सहित कई हथियारों की बरामदगी की भी सूचना है।
झारखंड के आईजी ऑपरेशन अमोल होमकर ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आठ लोगों से पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकियों के पास से कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेजों और उपकरणों की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये लोग अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेन्ट का विस्तार कर इससे युवाओं को जोड़ने, उन्हें कट्टरपंथी बनाने, भारत में शरिया कानून स्थापित करने और बांग्लादेश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे विषयों पर काम कर रहे थे।
एक्यूआईएस अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, म्यांमार और बांग्लादेश में सक्रिय है। इनकी योजना दिल्ली सहित कई शहरों में आतंकी वारदात अंजाम देने की थी। रांची में गिरफ्तार किए गए लोगों में एक मदरसे का मौलवी भी शामिल है।
यह पहली बार नहीं है, जब झारखंड में आतंकी संगठनों से जुड़े लोग पकड़े गए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीते साल अक्टूबर में आईएसआईएस के तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से दो शाहनवाज आलम और रिजवान अशरफ झारखंड के रहने वाले हैं। इनमें से एक शाहनवाज आलम एनआईए का मोस्ट वांटेड था और उस पर तीन लाख रुपए का इनाम घोषित था। वह हजारीबाग शहर के पगमिल-पेलावल का रहने वाला है।
एनआईए और एटीएस की जांच में पहले भी यह बात सामने आई है कि झारखंड के रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, रामगढ़, लोहरदगा, पाकुड़, गढ़वा और गिरिडीह जिले में आतंकियों के स्लीपर सेल सक्रिय हैं।
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