नई दिल्ली, 6 सितंबर । वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के लिए बनाई गई जेपीसी की तीसरी बैठक में केंद्र सरकार के अहम मंत्रालयों ने वक्फ बोर्ड के कामकाज, वक्फ के साथ चल रहे जमीन के विवादों और नए बिल पर अपना-अपना पक्ष रखा।
संसद भवन परिसर में गुरुवार को दिन भर चली जेपीसी की बैठक में आवास एवं शहरी कार्य, रेलवे और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024’ पर अपना-अपना प्रजेंटेशन रखा।
दरअसल, भारत सरकार के यह तीनों महत्वपूर्ण मंत्रालय ऐसे मंत्रालय हैं, जिनका देश के अलग-अलग राज्यों में जमीनों और अवैध कब्जे को लेकर वक्फ बोर्ड के साथ विवाद चल रहा है। सूत्रों की माने तो, रेलवे मंत्रालय की तरफ से रेल बोर्ड के अध्यक्ष ने जेपीसी की बैठक में आधा दर्जन से ज्यादा ऐसी बड़ी संपत्तियों की जानकारी दी, जिसे लेकर मंत्रालय का वक्फ बोर्ड के साथ विवाद चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, सत्ता पक्ष के एक सांसद ने इस दौरान उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अवैध अतिक्रमण कर बनाए गए घरों का मामला भी उठाया।
इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच तीखी बहस भी हुई।
हाउसिंग डेवलपमेंट विभाग के सचिव ने भी जेपीसी की बैठक में अपनी बात रखते हुए बताया कि दिल्ली में डीडीए और वक्फ बोर्ड के बीच 138 संपत्तियों पर विवाद चल रहा है, जिसमें 123 संपत्तियां काफी चर्चित हैं।
जेपीसी की बैठक शुक्रवार को भी जारी रहेगी। शुक्रवार को होने वाली जेपीसी की चौथी बैठक में संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी वक्फ विधेयक पर अपना पक्ष रखेंगे।
जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया और तेलंगाना वक्फ बोर्ड जैसे मुस्लिम संगठनों को भी जेपीसी ने शुक्रवार की बैठक में बुलाया है।
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