र्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने आज मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू पर राज्य में विकास की अपेक्षा अपनी सरकार और छह पूर्व मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) के अस्तित्व को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।
ठाकुर ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में राज्य की आर्थिक चुनौतियां और भी बदतर हो गई हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार का एकमात्र ध्यान सीपीएस पदों की सुरक्षा पर है, जबकि आवश्यक विकास परियोजनाएं ठप पड़ी हैं।
ठाकुर ने कहा कि सुखू के नेतृत्व वाली सरकार अपने चुनावी वादों, खास तौर पर विधानसभा चुनाव के दौरान की गई गारंटियों को पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस लोगों से किए गए वादों को लागू करना भूल गई है।” उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधारों की आड़ में लिए जा रहे कई फैसले एक बड़ी साजिश का हिस्सा लगते हैं।
उन्होंने सरकार पर अपने सी.पी.एस. नियुक्तियों को बचाने के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया, जबकि कई न्यायालयों ने उनकी नियुक्तियों को असंवैधानिक घोषित किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार अदालत के फ़ैसलों के ख़िलाफ़ अपील करने में विफल रही है और इसके बजाय सीपीएस नियुक्तियों का बचाव करने में संसाधनों को बर्बाद कर रही है। उन्होंने पर्यटन संपत्तियों के मामले में सरकार के रवैये की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि यह राज्य की संपत्तियों का निजीकरण और बिक्री करने की एक बड़ी योजना का हिस्सा है।
ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर वित्तीय घाटे की आड़ में लाभदायक पर्यटन होटलों को बेचने का आरोप लगाया, खासकर शिमला, मनाली और धर्मशाला जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर। उन्होंने कहा, “ये लाभदायक होटल हैं और फिर भी सरकार उन्हें घाटे में चल रही बता रही है।” उन्होंने इसे राज्य सरकार की संपत्तियों के निजीकरण की साजिश बताया।
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार अक्षम है और राज्य का प्रबंधन करने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को इन विवादास्पद निर्णयों के पीछे छिपे असली इरादों को समझना चाहिए।
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