राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुरुवार को कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के तट पर सरस और शिल्प मेले के साथ अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (आईजीएम)-2024 समारोह का शुभारंभ किया।
पारंपरिक परिधानों में सजे कलाकारों ने राज्यपाल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का भव्य स्वागत किया। महोत्सव के लिए 20 से अधिक राज्यों से कलाकार और शिल्पकार कुरुक्षेत्र पहुंचे हैं।
मेले में करीब 650 स्टॉल लगाए गए हैं और देशभर से राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कार विजेताओं सहित 400 से अधिक शिल्पकार अपनी प्रतिभा दिखाने यहां पहुंचे हैं। राज्यपाल ने मेले का दौरा किया और शिल्पकारों से बातचीत की।
उन्होंने कहा, “हजारों वर्ष पहले भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की धरती पर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। गीता का यह ज्ञान आज भी उतना ही उपयोगी है, जितना उस समय था। कुरुक्षेत्र आज भी उतना ही उपयोगी है, जितना उस समय था। गीता का यह संदेश युगों-युगों तक याद रखा जाएगा। गीता महोत्सव कुरुक्षेत्र ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जा रहा है। आज सरस और क्राफ्ट मेले के साथ इसका औपचारिक शुभारंभ हो गया है। मेले का समापन 15 दिसंबर को होगा, जबकि महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम 5 से 11 दिसंबर तक होंगे।”
उन्होंने कहा, “महोत्सव के दौरान संत सम्मेलन, दीपोत्सव, गीता संगोष्ठी और अन्य कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी और प्राचीन संस्कृति को एक मंच पर प्रदर्शित करने का अनूठा अवसर भी मिलेगा। हर साल की तरह इस बार भी गीता महोत्सव में देश-विदेश से लाखों लोग शामिल होने कुरुक्षेत्र पहुंचेंगे। कलाकार, शिल्पकार, कारीगर और स्वयं सहायता समूह भी अपनी कला का प्रदर्शन करने और अपने उत्पाद बेचने के लिए यहां पहुंचे हैं। इससे लोगों को आजीविका भी मिलेगी और अपनी संस्कृति के बारे में भी पता चलेगा।”
पुजारी सरोवर पर शाम की आरती करते हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के चेयरमैन दत्तात्रेय ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार गीता के संदेश को न केवल भारत में बल्कि विश्व भर में फैलाने के लिए प्रयास कर रही है। इन प्रयासों का परिणाम यह हुआ है कि अब यह महोत्सव अन्य देशों में भी मनाया जा रहा है। कुरुक्षेत्र आध्यात्मिक, धार्मिक व शैक्षणिक केंद्र है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के गठन के बाद 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के तीर्थों के विकास का कार्य शुरू किया गया। बोर्ड द्वारा अब तक 182 तीर्थों का दस्तावेजीकरण किया जा चुका है, जबकि तीर्थ सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है।
इस अवसर पर थानेसर से कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता सुभाष सुधा, अंबाला मंडल की आयुक्त गीता भारती, उपायुक्त नेहा सिंह, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, 48 कोस तीर्थ निगरानी समिति के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा सहित अनेक अधिकारी व केडीबी सदस्य उपस्थित थे।
Leave feedback about this