फिरोजपुर मंडल के टिकट-जांच कर्मचारियों ने नवंबर 2024 तक ट्रेनों में व्यापक टिकट निरीक्षण किया, जिससे वास्तविक रेल उपयोगकर्ताओं के लिए आरामदायक यात्रा सुनिश्चित हुई और अनधिकृत और अनियमित यात्रा पर अंकुश लगा। इन जांचों के दौरान, 39,726 यात्री बिना टिकट या अनियमित टिकट के साथ यात्रा करते पाए गए। कुल ₹3.52 करोड़ का जुर्माना वसूला गया, जिससे मंडल के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
भारतीय रेलवे को अक्सर बिना टिकट यात्रा करने वालों की चुनौती का सामना करना पड़ता है, टिकट चेकर (टीटी) रोजाना ऐसे यात्रियों को पकड़ते हैं। हालांकि ऐसे यात्रियों से वसूला गया जुर्माना रेलवे के राजस्व में योगदान देता है, लेकिन यह मुद्दा एक नैतिक सवाल उठाता है। वैध टिकट के बिना यात्रा करना निष्पक्षता और अनुशासन के सिद्धांतों को कमजोर करता है। हर बिना भुगतान की यात्रा पहले से ही बोझिल व्यवस्था पर दबाव बढ़ाती है, जिससे समय की पाबंदी और यात्री सेवाएं प्रभावित होती हैं। यह प्रथा न केवल व्यक्तियों पर बुरा प्रभाव डालती है, बल्कि नागरिक जिम्मेदारी की कमी को भी उजागर करती है।
इस आदत पर अंकुश लगाने, नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देने तथा रेलवे के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान और सख्त प्रवर्तन आवश्यक है।
रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को वैध टिकट के साथ यात्रा करने की सलाह देते हुए अचानक टिकट चेकिंग अभियान भी चलाया। इसके अलावा, प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए अभियान चलाए गए, जिसके परिणामस्वरूप 431 व्यक्तियों पर एंटी-लिटरिंग एक्ट के तहत ₹63,300 का जुर्माना लगाया गया।
मंडल रेल प्रबंधक संजय साहू ने निरंतर निरीक्षण के माध्यम से शून्य टिकट रहित यात्रा प्राप्त करने के लिए मंडल की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक परमदीप सिंह सैनी ने राजस्व बढ़ाने और यात्रियों की सहायता करने में टिकट-जांच कर्मचारियों की दोहरी भूमिका पर प्रकाश डाला, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनके प्रयासों को प्रशंसा प्रमाण पत्र के माध्यम से मान्यता दी जाए।
Leave feedback about this