बाबा रणजीत सिंह ढडरियांवाले के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर विचार करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मामले को फिलहाल किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने से परहेज करते हुए स्थानीय पुलिस को मामले की जांच करने की अनुमति दे दी है।
“यह अदालत फिलहाल मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने से परहेज करती है और स्थानीय पुलिस को जांच में उठाए गए विभिन्न कदमों की उचित अनुपालन रिपोर्ट क्षेत्राधिकार मजिस्ट्रेट को दाखिल करके जांच करने की अनुमति देती है। अगर क्षेत्राधिकार मजिस्ट्रेट को कोई रिपोर्ट गलत लगती है, तो अधिकारी को इस अदालत को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया जाता है…” बेंच ने जोर देकर कहा।
अदालत ने पाया कि मामला पुलिस को संज्ञेय अपराधों की जानकारी देने के बावजूद एफआईआर दर्ज न करने के इर्द-गिर्द घूमता है। अदालत ने कहा, “जानकारी 2012 में ही दे दी गई थी, लेकिन इस अदालत के आग्रह पर इस साल दिसंबर में एफआईआर दर्ज की गई।”
वकील नवनीत कौर वरैच के माध्यम से दायर याचिका का निपटारा करने से पहले, अदालत ने याचिकाकर्ता-शिकायतकर्ता की इस दलील पर भी ध्यान दिया कि उन्हें “स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर कोई भरोसा नहीं है” क्योंकि उन्हें आशंका है कि जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं की जाएगी।
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