अल्पसंख्यकों और दिव्यांगजनों को अपना स्टार्ट-अप स्थापित करने तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने में सहायता के लिए हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम (एचपीएमएफडीसी) ने रियायती दरों पर ऋण प्राप्त करने के लिए न्यूनतम पारिवारिक आय की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये वार्षिक कर दी है।
इससे पहले यह आय सीमा ग्रामीण क्षेत्रों में 98,000 रुपये तथा शहरी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये थी। स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में आयोजित निगम के निदेशक मंडल की 52वीं बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया।
मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों और दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए राज्य सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों और दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए सरकार कई सुविधाएं प्रदान करती है। वर्ष 2023-24 के दौरान अल्पसंख्यकों को 12.97 करोड़ रुपये और दिव्यांगजनों को 5.41 करोड़ रुपये के ऋण रियायती ब्याज दरों पर एचपीएमएफडीसी के माध्यम से दिए गए।
शांडिल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अधिक लाभार्थियों को जोड़ने तथा उन्हें रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध करवाने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। एचपीएमएफडीसी छोटे व्यवसायों, परिवहन सेवाओं, दुकानों, पार्लरों तथा कृषि के क्षेत्र में उद्यमों के लिए रियायती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध करवाता है। अल्पसंख्यक समुदायों के 18 से 55 वर्ष आयु वर्ग के सदस्यों को 20 लाख रुपये तक का ऋण 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर तथा 20 से 30 लाख रुपये तक का ऋण 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर प्रदान किया जाता है।
इसी प्रकार, 16 वर्ष से अधिक आयु के दिव्यांगों को 5 लाख रुपये तक का ऋण 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर, 10 लाख रुपये तक का ऋण 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर तथा 10 लाख रुपये से अधिक का ऋण 8 प्रतिशत की ब्याज दर पर प्रदान किया जाता है। दिव्यांग महिलाओं के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट का प्रावधान है। इसके अलावा अल्पसंख्यकों और दिव्यांगों को तकनीकी शिक्षा के लिए 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
शांडिल ने कहा कि अल्पसंख्यकों और दिव्यांगों के लाभ के लिए एचपीएमएफडीसी द्वारा की जा रही विभिन्न कल्याणकारी पहलों के बारे में जानकारी फैलाने के लिए राज्य में नियमित अंतराल पर जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे।
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