January 9, 2025
National

वी. नारायणन होंगे इसरो के नए प्रमुख , 14 जनवरी को लेंगे एस. सोमनाथ का स्थान

V Narayanan to succeed S Somanath as ISRO chief on January 14

वी. नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का अगला अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गई। बताया गया कि वह 14 जनवरी को इसरो के मौजूदा प्रमुख एस. सोमनाथ का स्थान लेंगे।

इसरो के एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक नारायणन वर्तमान में केरल के वलियामाला में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में लगभग चार दशकों के अनुभव के साथ, नारायणन ने इसरो में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं।

उन्हें मुख्य रूप से रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रोपल्शन का विशेषज्ञ माना जाता है।

मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, नारायणन को अगले दो वर्षों तक इन भूमिकाओं में सेवा देने के लिए नियुक्त किया गया है।

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, “मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 14 जनवरी, 2025 से दो साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में वी. नारायणन, निदेशक, लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर, वलियामाला की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।”

वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रोपल्शन विशेषज्ञ हैं और 1984 में इसरो में शामिल हुए और एलपीएससी के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया।

लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर, जिसके प्रमुख नारायणन हैं, लॉन्च वाहनों के लिए लिक्विड, सेमी-क्रायोजेनिक और क्रायोजेनिक प्रोपल्शन चरणों, उपग्रहों के लिए रासायनिक और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम, लॉन्च वाहनों के लिए नियंत्रण प्रणाली और अंतरिक्ष प्रणालियों की निगरानी के लिए ट्रांसड्यूसर विकास में लगा हुआ है।

वे प्रोजेक्ट मैनेजमेंट काउंसिल-स्पेस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (पीएमसी-एसटीएस) के अध्यक्ष भी हैं, जो सभी लॉन्च वाहन परियोजनाओं और कार्यक्रमों में निर्णय लेने वाली संस्था है, और भारत के नियोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए राष्ट्रीय स्तर के मानव रेटेड प्रमाणन बोर्ड (एचआरसीबी) के अध्यक्ष हैं।

प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में साउंडिंग रॉकेट और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (एएसएलवी) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के ठोस प्रोपल्शन क्षेत्र में काम किया।

उन्होंने आगे एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कम्पोजिट मोटर केस और कम्पोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया नियोजन, प्रक्रिया नियंत्रण और प्राप्ति में योगदान दिया।

वर्तमान में, नारायणन लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक हैं, जो इसरो के प्रमुख केंद्रों में से एक है। इसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामाला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरू में है।

तमिल माध्यम के स्कूलों में पढ़ाई करने वाले नारायणन ने आईआईटी, खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की। यहां उन्हें एमटेक कार्यक्रम में प्रथम रैंक हासिल करने के लिए रजत पदक से सम्मानित किया गया।

रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रोपल्शन विशेषज्ञ के तौर पर 1984 में इसरो में शामिल हुए और 2018 में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर के निदेशक बनाए गए।

एस सोमनाथ ने जनवरी 2022 में इसरो प्रमुख का पद संभाला और उनके अधीन ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में रोवर उतारने वाला दुनिया का पहला देश बना। उनके नेतृत्व में ही भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले चौथा देश बन गया।

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