January 13, 2025
Rajasthan

जोधपुर में हस्तशिल्प उत्सव 2025 में द्वारका नगरी का मंचन, समुद्र के भीतर घूमने जैसा अनुभव

Dwarka city staged in Handicraft Festival 2025 in Jodhpur, experience like roaming under the sea.

जोधपुर, 13 जनवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ समय पहले समुद्र में अंदर जाकर बेट द्वारका के दर्शन किए थे। इस डूबी हुई द्वारका नगरी को आम जनता को दिखाने के लिए जोधपुर के हस्तशिल्प उत्सव 2025 में द्वारका नगर का मंचन किया गया। इस मंचन को इस तरह से पेश किया गया कि ऐसा प्रतीत हो जैसे लोग समुद्र के अंदर ही घूम रहे हों। जोधपुर के पश्चिमी राजस्थान हस्तशिल्प उद्योग मेले में द्वारका नगरी एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गई है। यहां लोग यह अनुभव कर रहे हैं जैसे वे समुद्र के अंदर घूम रहे हों।

पश्चिम बंगाल के निवासी संजीत मजूमदार ने आईएएनएस से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बेट द्वारका का दर्शन करने के लिए समुद्र में उतरे थे, इस समय मेरे दिमाग में विचार आया कि क्यों न एक ऐसी द्वारका बनाई जाए जिसे आम जनता देखे और उसे महसूस कर सके। मैंने पश्चिम बंगाल से 70 से 80 लोगों की टीम बुलाकर पूरी द्वारका नगरी को बनाया। इसको बनाने के लिए थर्माकोल, फाइबर, कलर का इस्तेमाल किया है। इसमें समुद्री जीव-जन्तुओं को भी दिखाया है। लाइट और साउंड के साथ इफेक्ट भी दिया है।

समुद्र को दिखाने के लिए किया क्या? इस सवाल के जवाब में कहा कि इसके लिए मैंने ब्लू लाइट और फॉग के साथ कई चीजों का इस्तेमाल किया है।

लघु उद्योग भारती के प्रांत अध्यक्ष महावीर चोपड़ा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि पश्चिमी राजस्थान में आयोजित उद्योग हस्तशिल्प उत्सव में इस बार सबसे मुख्य आकर्षण का केंद्र द्वारका नगरी का निर्माण है। द्वारका का निर्माण भगवान श्री कृष्ण ने समुद्र के बीच में किया था, जो बाद में समुद्र में समाहित हो गई थी। इस समाहित द्वारका का ध्यान हमें तब आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद समुद्र के अंदर जाकर इस डूबे हुए द्वारका के दर्शन करके आए थे।

भारतीय कला संस्कृति और प्रेरणादायक जो स्तंभ है, इसकी जानकारी आम जनता को मिले, भारत के इतिहास के बारे में वो गर्व महसूस कर सके कि इतने वर्ष पहले भी हमारे इतिहास में इतनी अच्छी योग्यता थी कि इतने बड़े महल समुद्र के बीच में बना सकते थे। इस सभी के दर्शन के लिए और सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बेट द्वारका का निर्माण किया गया। राजस्थान में पहली बार इस तरह का आयोजन किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि जोधपुर और आसपास के सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे इस मेले में आएं और द्वारका नगरी के दर्शन जरूर करें।

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