जिला अधिकारियों ने संबंधित विभागों से कहा है कि वे इस शीतकाल में मलेरिया और डेंगू पर अंकुश लगाने के लिए उपाय सुनिश्चित करें। अभियान के तहत पलवल नगर परिषद और पंचायतों को अपने-अपने क्षेत्रों में हर दो सप्ताह में फॉगिंग कराने को कहा गया है।
सिविल सर्जन डॉ. जय भगवान जटैन ने कहा कि मलेरिया विभाग और नागरिक एजेंसी को निर्देश जारी किए गए हैं, क्योंकि बारिश के कारण जलभराव और सफाई की कमी के कारण मच्छरों के लार्वा की व्यापकता बढ़ सकती है, जिससे बुखार और वायरल संक्रमण हो सकता है।
उन्होंने कहा कि 2024 में दर्ज डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों की संख्या 2023 की तुलना में कम होगी। उन्होंने कहा कि घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने के अलावा स्वास्थ्य विभाग सभी प्रकार के बुखार के मामलों की त्वरित जांच भी करेगा।
उन्होंने बताया कि 20 कर्मचारियों की टीम के माध्यम से शारीरिक जांच करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें ‘ब्रीडिंग चेकर्स’ कहा जाता है। साथ ही, हर महीने की पहली से 10 तारीख के बीच विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर तेजी से बुखार का सर्वेक्षण किया जाता है।
उन्होंने कहा कि निवासियों से प्रत्येक रविवार को सामुदायिक स्तर पर ‘शुष्क दिवस’ मनाने को कहा गया है ताकि आवासीय क्षेत्रों में कचरा या गंदा पानी जमा न हो। पिछले वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच विभाग ने मच्छरों के लार्वा का पता लगाने के बाद 1,768 घरों को नोटिस जारी किए।
पिछले वर्ष जिले में डेंगू के 29 मामले, चिकनगुनिया के 12 मामले और मलेरिया के दो मामले दर्ज किये गये थे। इस वर्ष अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। विभाग ने वेक्टर जनित रोगों के संबंध में सहायता और शिकायतों के लिए 01275-240022 हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है।
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