January 31, 2025
National

बीएसएफ की महिला कांस्टेबल ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ की बड़ी कोशिश को किया नाकाम

BSF female constable foils major infiltration attempt on India-Bangladesh border

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने दावा किया कि मालदा सेक्टर की एक महिला कांस्टेबल ने बुधवार को कुतादह बॉर्डर आउटपोस्ट के पास बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ की बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया।

पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में अर्धापुर के निकट बॉर्डर पर बाड़ के पास पांच से छह हथियारबंद बांग्लादेशी नागरिकों का एक समूह आ रहा था। इसी दौरान 88वीं बीएसएफ बटालियन की महिला कांस्टेबल ने अकेले ही उन्हें चुनौती दी।

बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता एवं डीआईजी एनके पांडे ने बताया, “कांस्टेबल ने अनुकरणीय साहस का प्रदर्शन करते हुए यह महसूस करने के बावजूद कि बांग्लादेशी नागरिकों के पास घातक हथियार थे, बिना किसी हिचकिचाहट के आगे बढ़कर कार्रवाई की। यह पता नहीं चल सका कि वे तस्कर थे या नहीं, लेकिन वे अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे और सीमा पर लगी बाड़ को तोड़ने के इरादे से उसके पास आ रहे थे।

डीआईजी पांडे ने बताया कि महिला कांस्टेबल दूसरी शिफ्ट में ड्यूटी पर थी, तभी उन्होंने घुसपैठियों को बाड़ की तरफ बढ़ते देखा। उन्होंने तुरंत चेतावनी दी और रेडियो पर अपने साथियों को सचेत किया। चेतावनी दिए जाने के बाद भी बांग्लादेशियों ने आक्रामक रुख अपनाया और आगे बढ़ते रहे।

डीआईजी पांडे ने दावा किया कि अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह न करते हुए बहादुर महिला कांस्टेबल समूह की ओर बढ़ी।

डीआईजी ने कहा, “तब तक वे बाड़ के करीब पहुंच चुके थे। यदि कांस्टेबल ने फायरिंग नहीं की होती तो वे बाड़ को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते। शोर सुनकर और उनके इरादे को भांपकर अपराधी घने कोहरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। फायरिंग में किसी बदमाश के घायल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।”

भारत-बांग्लादेश सीमा पर सक्रिय ड्यूटी पर तैनात महिला कांस्टेबलों के प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, “उनकी क्षमता, समर्पण और बहादुरी अद्वितीय है। वे किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि को रोकने और देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने में पूरी तरह सक्षम हैं।”

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