February 25, 2025
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बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था के लिए अभूतपूर्व चुनौतियां पेश करेगा “पारस्परिक टैरिफ” : वरिष्ठ अर्थशास्त्री

“Reciprocating tariffs” will pose unprecedented challenges to the multilateral trading system: Senior economist

 

बीजिंग, अमेरिका ने अपने व्यापारिक साझेदारों पर “पारस्परिक शुल्क” लगाने का प्रस्ताव दिया है, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) के वरिष्ठ अर्थशास्त्री लियांग क्वोयोंग ने हाल ही में चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के संवाददाता के साथ एक लिखित साक्षात्कार यह बात कही।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 13 फरवरी को एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें संबंधित विभागों को प्रत्येक विदेशी व्यापार साझेदार के साथ “पारस्परिक टैरिफ” निर्धारित करने की आवश्यकता बताई गई। इससे पहले, ट्रंप ने सभी अमेरिकी आयातित स्टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा करने वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे। कई देशों के राजनीतिक, व्यापारिक और शैक्षणिक व्यक्तियों ने इन उपायों की आलोचना और विरोध किया है।

इस पर लियांग क्वोयोंग ने कहा कि “पारस्परिक टैरिफ” के अंतर्गत आने वाले व्यापारिक साझेदारों का दायरा बहुत व्यापक है। साथ ही, अमेरिका और विकासशील देशों के बीच बड़े टैरिफ अंतर के कारण, विकासशील देश विकसित देशों की तुलना में “पारस्परिक टैरिफ” से अधिक प्रभावित होते हैं। अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने से निर्यात करने वाले उद्योगों और व्यवसायों पर असर पड़ेगा, जिससे परिचालन और प्रदर्शन को नुकसान पहुंचेगा। इसका असर आयात करने वाले उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा, जिससे उन्हें ज्यादा कीमत चुकाने पर मजबूर होना पड़ेगा।

वृहद परिप्रेक्ष्य से, बड़े पैमाने पर व्यापार युद्ध से आयातित वस्तुओं की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और अर्थव्यवस्था अस्थिर स्थिति में आ सकती है। अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य से, टैरिफ युद्ध से व्यापार और निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

 

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