हिमाचल प्रदेश, शिवा परियोजना से प्रदेश के 15 हजार किसानों की तकदीर बदलेगी। राज्य सरकार की ओर से इस परियोजना के तहत प्रदेश के सात जिलों के 28 विकास खंडों में केंद्र से स्वीकृत 1298 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। गुरुवार को एचपी शिवा प्रोजेक्ट की गवर्निंग काउंसिल की दूसरी बैठक का आयोजन बागबानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में एचपीएमसी, योजना विभाग, कृषि विभाग, बागवानी विश्विद्यालय तथा अन्य विभागों के अधिकारियों एवं सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में प्रथम गवर्निंग काउंसिल की बैठक की कार्रवाई की समीक्षा की गई तथा द्वितीय एवं तृतीय एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठकों के निर्णयों का भी अनुमोदन किया गया। बैठक में शिवा परियोजना के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की गई तथा खर्च राशि का भी ब्यौरा लिया गया। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार द्वारा शिवा परियोजना की रुपए 1292 करोड़ की डीपीआर के अनुमोदन के लिए आभार जताया गया।
प्रस्तावित कार्यों को समयानुसार क्रियान्वयन करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए। एचपीशिवा परियोजना को सात जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर और ऊना के 28 विकास खंडों में लगभग 6000 हेक्टेयर क्षेत्र में क्रियान्वित किया जाएगा। इससे 15000 से अधिक बागबान परिवार लाभान्वित होंगे। परियोजना के अंतर्गत किसानों की निजी भूमि पर ‘एक फसल एक क्लस्टर’ एप्रोच में संतरा, अमरूद, अनार, लीची, प्लम, पीकननट, परसीमोन, आम, आदि अन्य उपोष्ण कटिबंधीय फलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। इस परियोजना में लगभग एक करोड़ फल पौध रोपण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जो राज्य ही नहीं, बल्कि देश के पर्यावरण संतुलन में सहायक होने के साथ ही जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को भी कम करेगा। इस बैठक में सचिव उद्यान अमिताभ अवस्थी, निदेशक उद्यान आरके प्रुथी, परियोजना निदेशक देवेंंद्र सिंह ठाकुर और विभाग के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
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