March 11, 2025
National

आप खुद क्यों ट्रेनिंग नहीं लेते, मंत्री सदन में समय से नहीं आते: खड़गे

Why don’t you take training yourself, ministers don’t come to the House on time: Kharge

विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष के सदस्यों को रिफ्रेश कोर्स कराया जाए। मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष ने इसका जवाब देते हुए सत्ता पक्ष को ही ट्रेनिंग लेने की सलाह दी।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “नेता सदन जेपी नड्डा ने कल कहा कि संसद के नियम और प्रक्रिया की जानकारी के लिए नेता प्रतिपक्ष और बाकी विपक्षी नेताओं को ट्रेनिंग लेनी चाहिए। मैं उनसे पूछता हूं, आप खुद क्यों ट्रेनिंग नहीं लेते,लेते? आपके लोग सदन में समय से नहीं आते, आपके मंत्री समय से नहीं आते। यह शर्म की बात है।”

इससे पहले सोमवार को राज्यसभा के नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष के सदस्यों को एक रिफ्रेश कोर्स कराया जाए, ताकि इन्हें संसद के नियमों-कायदों का पता लग सके। सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। मैं इनके वाॅकआउटवॉकआउट की निंदा करता हूं और इसे गैर जिम्मेदार रवैया मानता हूं।

सोमवार को कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल विभिन्न मुद्दों पर नियम-267 के अंतर्गत सदन में चर्चा चाहते थे। चर्चा की मांग को लेकर सदन में हंगामा हुआ। अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाॅकआउटवॉकआउट किया। इस पर नेता सदन और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों को रिफ्रेश कोर्स कराया जाना चाहिए।

राज्यसभा में मंगलवार को भी जमकर हंगामा हुआ। नाराज विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की। सदन में बढ़ते हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ देर बाद ही स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा में सांसदों ने नियम-267 के तहत चर्चा के लिए 21 अलग-अलग नोटिस दिए थे। चर्चा के लिए नोटिस देने वालों में अजय माकन, प्रमोद तिवारी, डोला सेन, सागरिका घोष, मुजीबुल्ला खान, शक्ति सिंह गोहिल और प्रियंका चतुर्वेदी समेत अन्य सांसद शामिल थे।

विपक्ष के सांसद डीलिमिटेशन, डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड नंबर, समग्र शिक्षा अभियान के तहत तमिलनाडु को धनराशि आवंटित नहीं किए जाने जैसे मुद्दों पर चर्चा चाहते थे। सभापति ने नियम-267 के तहत चर्चा की अनुमति नहीं दी। उन्होंने पहले से तय प्रावधानों का हवाला दिया।

नियम-267 के तहत सदन की अन्य सभी कार्यवाहियों को स्थगित कर चर्चा कराई जाती है और अंत में वोटिंग का भी प्रावधान है।

उपसभापति द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के उपरांत विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे। सदन में हंगामा बढ़ने लगा। नाराज विपक्षी सदस्य अपनी सीटों से उठकर सभापति के आसन के करीब आ गए और वहां एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। सदन में हंगामा बढ़ने के उपरांत कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही एक बार फिर प्रारंभ हुई और प्रश्न काल शुरू हुआ।

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