हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड सीमा पर मानपुर देवड़ा में सामने आए गोहत्या मामले में एक महिला को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस घटना ने दोनों राज्यों में लोगों के बीच काफी आक्रोश पैदा कर दिया था। यह घटना 31 मार्च की रात को यमुना के किनारे मवेशियों के अवशेष मिलने से जुड़ी थी।
गिरफ्तार महिला की पहचान उत्तराखंड के कुंडा ग्रांट निवासी फरमाना (40) के रूप में हुई है। उसे पहले पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उसने अवैध गतिविधि में मुख्य आरोपी की मदद की थी। पूछताछ के बाद और एकत्र साक्ष्यों के आधार पर उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। मंगलवार को स्थानीय अदालत ने उसे नाहन जेल में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
हिमाचल प्रदेश के पुरुवाला पुलिस स्टेशन की टीम ने अब तक इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है। इनमें मानपुर देवड़ा गांव के रहने वाले शाहनवाज़ (40) और इरशाद (60) और उत्तराखंड के रहने वाले फरमाना शामिल हैं। उनकी गिरफ़्तारी के बाद पुलिस ने कथित वध में इस्तेमाल किए गए क्लीवर, धारदार कुकरी और लकड़ी के ब्लॉक समेत कसाई के औज़ार बरामद किए। दोनों को पहले पुलिस रिमांड पर भेजा गया और बाद में अदालती कार्यवाही के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
उत्तराखंड के कुंडा ग्रांट निवासी एक आरोपी जो फिलहाल फरार है, ने पोंटा साहिब के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है। न्यायालय फिलहाल आवेदन पर विचार कर रहा है।
यह मामला 31 मार्च को तब प्रकाश में आया जब हिमाचल-उत्तराखंड सीमा पर दर्जनों मवेशियों के शव पाए गए, जिसके बाद सीमावर्ती कस्बों विकासनगर (उत्तराखंड) और पोंटा साहिब (हिमाचल प्रदेश) में व्यापक आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए।
उत्तराखंड पुलिस ने विकासनगर थाने के अंतर्गत इसी तरह की जांच करते हुए गोकशी की इसी तरह की गतिविधियों से जुड़े नौ संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इनमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंदेवरा गांव का निवासी एहशान (22) भी शामिल है, जिस पर 15,000 रुपये का इनाम था।
मानपुर देवड़ा की घटना ने महत्वपूर्ण राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया है, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस बलों द्वारा समन्वित जांच प्रयासों को बढ़ावा मिला है। कानून प्रवर्तन एजेंसियां शेष संदिग्धों की तलाश जारी रखे हुए हैं और क्षेत्र में आगे की अशांति को रोकने के लिए घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रख रही हैं। दोनों राज्यों के अधिकारियों ने सभी आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने और यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है कि संवेदनशील अंतरराज्यीय सीमा पर ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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