लखनऊ, 12 अप्रैल । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आम जनता की सेहत को ध्यान में रखते हुए एक बड़ी पहल की है। प्रदेश के 17 नगर निगमों में घर-घर जाकर नल के पानी की जांच की जा रही है। खास बात यह है कि इस अभियान की कमान महिलाओं ने संभाली है, जिन्हें अमृत मित्र नाम दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अमृत 2.0 योजना और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत स्वयं सहायता समूह की 788 महिलाओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित कर इस काम में लगाया गया है।
अमृत मित्र महिलाएं न सिर्फ घर-घर जाकर पानी की जांच कर रही हैं, बल्कि लोगों को शुद्ध पेयजल के महत्व के बारे में जागरूक भी कर रही हैं। इस अभियान ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ समाज की सोच भी बदली है।
आज वही महिलाएं, जो कभी घर की चारदीवारी तक सीमित थीं, अब घर-घर जाकर जल की गुणवत्ता की जांच कर रही हैं और लोगों की सेहत की पहरेदार बन गई हैं। अनोखी पहल ने महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल कायम की है। अब ये महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव भी ला रही हैं। अमृत मित्र महिलाओं की सफलता ने साबित कर दिया है कि अगर महिलाओं को सही अवसर और मंच मिले, तो वे किसी भी क्षेत्र में इतिहास रच सकती हैं। योगी सरकार की यह पहल महिला सशक्तिकरण, स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल बनकर उभरी है।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए एक अनूठी पहल शुरू की है, जो ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता की नई राह दिखाएगी। इस बार का फोकस सौर ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है, जहां प्रदेश में 10 हजार पर्यावरण सखियों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने की योजना बनाई गई है। यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने का एक शानदार कदम है।
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