पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सुती और समसेरगंज पुलिस थानों के प्रभारियों को गुरुवार को बदल दिया गया। ये दोनों इलाके वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।
जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि इन दोनों पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित थे। हिंसा से संबंधित तीन मौतों में से दो समसेरगंज और एक सुती में हुई। यह निर्णय लिया गया कि दोनों पुलिस स्टेशनों का नेतृत्व ज्यादा अनुभवी और उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।”
सूत्रों ने बताया कि इन दोनों पुलिस थानों के पूर्व प्रभारियों के खिलाफ मुख्य शिकायत यह थी कि खुफिया तंत्र इस बात का पहले से अनुमान लगाने में विफल रहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन इतना हिंसक रूप ले लेगा।
हालांकि, राज्य पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि दोनों अधिकारियों को हटाया जाना उनके खिलाफ खुफिया विफलता की शिकायतों के कारण था या नहीं, क्योंकि उनके तबादलों को “नियमित” बताया गया है।
हालांकि, राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को ही पुष्टि की है कि खुफिया विफलता की शिकायतों की समीक्षा की जा रही है।
राज्य पुलिस ने कहा कि चूंकि दोनों पुलिस स्टेशनों को अपग्रेड किया गया है, इसलिए उनके पिछले प्रभारियों, जो उप-निरीक्षकों के पद पर थे उन्हें बदलना पड़ा।
अब सुब्रत घोष को समसेरगंज पुलिस स्टेशन और सुप्रिय रंजन माजी को सुती पुलिस स्टेशन का निरीक्षक नियुक्त किया गया है।
बता दें कि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर राज्य सरकार बैकफुट पर है। भाजपा ने इस हिंसा के लिए ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, इस मामले में शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम मालदा और मुर्शिदाबाद का दौरा करेगी। आयोग पीड़ित महिलाओं से भी मुलाकात करेंगी, जिन्हें अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़ कर दूसरी जगह पर शरण लेनी पड़ी।
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