नशा मुक्त भारत अभियान-2 के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चयनित 272 जिलों में सोलन भी शामिल है, क्योंकि राज्य में नशे के बढ़ते मामलों के कारण यह अभियान सफल हो रहा है। उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने आज यहां एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि अभियान को सभी के सहयोग से सफल बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा, “नशे की लत एक ऐसी बुराई है जो हमारे पूरे समाज को बुरी तरह प्रभावित करती है, साथ ही नशेड़ी के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। इससे आर्थिक नुकसान भी होता है और व्यक्ति और उसके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा भी खराब होती है।”
उन्होंने अभियान के तहत योजनाबद्ध पहलों के बारे में विस्तार से बताया और कहा, “सोलन जिले में 20 जून से 31 अगस्त तक भांग उखाड़ो अभियान चलाया जाएगा।” अभियान को सफल बनाने के लिए उन्होंने वन, पंचायती राज संस्थाओं और स्वास्थ्य विभागों तथा गैर सरकारी संगठनों के कर्मचारियों से उन क्षेत्रों की पहचान करने का आग्रह किया जहां भांग के पौधे पाए जाते हैं।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्कूली बच्चों को नियमित व्याख्यानों के माध्यम से नशे से दूर रहने के बारे में जागरूक करें और स्वास्थ्य विभाग से भी सहयोग लें। उन्होंने कहा कि मानसिक रोगियों के लिए विशेष रूप से बनाए गए टोल फ्री नंबर 14416 के बारे में भी अधिकारियों और स्कूली छात्रों को जागरूक किया जाना चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में कहीं भी पाई जाने वाली अफीम की खेती को नष्ट किया जाए। उन्होंने औषधि निरीक्षक को निर्देश दिए कि वे जिले में दवा दुकानों का औचक निरीक्षण करें तथा यह सुनिश्चित करें कि कोई भी दवा बिना डॉक्टर की पर्ची के न बेची जाए। उन्होंने कहा कि इस निर्देश का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
शिक्षा, पंचायती राज, स्वास्थ्य, पुलिस, आबकारी, परिवहन, पर्यटन, युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने तथा नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए बहुमूल्य सुझाव देने को कहा गया।
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