चंडीगढ़, 14 मई, 2025: अंतरराज्यीय जल विवाद में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, उच्च न्यायालय ने पंजाब की पुनर्विचार याचिका को गंभीर मामला माना है और हरियाणा सरकार को औपचारिक नोटिस जारी किया है।
यह याचिका नदी जल बंटवारे के विवादास्पद मुद्दे से संबंधित है, जो उत्तर भारत में एक दीर्घकालिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील विषय है।
न्यायालय ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के चेयरमैन के जल वितरण पर बदले रुख पर भी चिंता जताई और इस बदलाव के लिए स्पष्टीकरण मांगा। इसके अतिरिक्त, बीबीएमबी और हरियाणा सरकार दोनों को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है कि हरियाणा साझा संसाधनों से अतिरिक्त जल की मांग क्यों कर रहा है।
इस न्यायिक कदम को पंजाब सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इससे न्यायसंगत जल अधिकारों के लिए चल रही लड़ाई में पंजाब की स्थिति मजबूत होगी।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने अदालत के फैसले को एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
आप प्रवक्ता ने कहा, “हम पंजाब के पानी के उचित हिस्से को छीनने नहीं देंगे। हम हर मंच पर इस लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार हैं।” पार्टी ने आगे कहा कि यह न्यायिक निर्णय पंजाब के जल न्याय के लिए दशकों से चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन सकता है।
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