May 19, 2025
National

एफटीए से ब्रिटेन को भारत का परिधान और कपड़ा निर्यात अगले छह वर्षों में दोगुना हो सकता है: रिपोर्ट

FTA could double India’s apparel and textile exports to UK in next six years: Report

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) से भारत का परिधान और कपड़ा निर्यात अगले 5-6 वर्षों में मौजूदा स्तरों से दोगुना हो सकता है। आईसीआरए की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

रिपोर्ट में बताया गया कि भारत से ब्रिटेन को होने वाले कपड़ा निर्यात पर 8-12 प्रतिशत की ड्यूटी लगती है और अब एफटीए के बाद इसमें से 99 प्रतिशत गुड्स पर जीरो-ड्यूटी लगेगी। इससे भारतीय निर्यात को बांग्लादेश, वियतनाम और पाकिस्तान जैसे प्रतिस्पर्धियों के साथ समानता हासिल करने में मदद मिलेगी।

हाल ही में भारत और ब्रिटेन के बीच पूरा हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) कैलेंडर वर्ष 2026 से लागू हो जाएगा।

चीन 25 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ ब्रिटेन के कपड़ा आयात में शीर्ष पर है, उसके बाद बांग्लादेश है, जिसकी हिस्सेदारी 22 प्रतिशत है। तुर्की और पाकिस्तान क्रमशः 8 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अन्य प्रमुख निर्यातक हैं। एफटीए भारत के कपड़ा निर्यात को ब्रिटेन में अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में सक्षम बनाएगा, जिससे बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि होगी।

भारत वर्तमान में यूके का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और परिधान एवं घरेलू वस्त्र आयात में पांचवें स्थान पर है। 2024 में देश ने यूके को 1.4 अरब डॉलर के वस्त्रों का निर्यात किया था और बाजार हिस्सेदारी 6.6 प्रतिशत थी।

भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार संधि 6 मई को पूरी हुई थी।

वाणिज्य मंत्रालय की ओर से बताया गया कि भारत का कपड़ा और परिधान निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। अप्रैल 2025 में इसमें सालाना आधार पर 7.45 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली। इस सकारात्मक वृद्धि की वजह परिधान निर्यात में सालाना आधार पर 14.43 प्रतिशत की वृद्धि होना है।

भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) के अध्यक्ष राकेश मेहरा ने कहा, “परिधान निर्यात में 14.43 प्रतिशत की वर्तमान वृद्धि मुख्य रूप से अमेरिकी प्रशासन द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बाद अमेरिका को निर्यात में वृद्धि के कारण है।”

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