राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने और लोक संस्कृति को संरक्षित करने के लिए हरियाणा सरकार ने सोमवार रात हरियाणा फिल्म नीति के तहत छह फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहन प्रदान किए।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक समारोह के दौरान गवर्निंग काउंसिल द्वारा चुनी गई चार फिल्मों को 2-2 करोड़ रुपए का ड्राफ्ट दिया। इन फिल्मों में ‘छलांग’, ‘तेरा क्या होगा लवली’, ‘तेरी मेरी गल बन गई’ और ‘फुफ्फड़ जी’ शामिल हैं। इसके अलावा फिल्म ‘दादा लखमी चंद’ को 1 करोड़ रुपए और फिल्म ‘1600 मीटर’ को 50.70 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई।
अभिनेत्री मीता वशिष्ठ, अभिनेता यशपाल शर्मा, अम्मी विर्क, नुसरत भरुचा, प्रीति सप्रू, सुमित्रा हुड्डा, उषा शर्मा और कई अन्य कलाकार, फिल्म निर्माता और फिल्म उद्योग से जुड़े अन्य लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में पहले भी कई फिल्में बन चुकी हैं और लोगों ने उनकी खूब सराहना की है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से सरकार ने पहली बार एक स्पष्ट और दूरदर्शी फिल्म नीति शुरू की है। इसका उद्देश्य राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को संरक्षित करना और सिनेमा के माध्यम से इसे बढ़ावा देना है। “इस नीति के तहत सिंगल विंडो शूटिंग अनुमति और सब्सिडी प्रोत्साहन के साथ, हरियाणा अन्य क्षेत्रों की तरह ही फिल्म उद्योग में भी अपनी जगह बना रहा है। इससे न केवल हरियाणा के युवाओं की रचनात्मक क्षमता का दोहन होगा, बल्कि कई फिल्म निर्माता भी अपने उपक्रमों के लिए राज्य की ओर आकर्षित होंगे। सरकार हरियाणा को भारत का अगला फिल्म हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
मुख्यमंत्री ने फिल्म निर्माताओं से हरियाणा को फिल्म निर्माण का केन्द्र बनाने के प्रयास में सहयोग देने की अपील की तथा आश्वासन दिया कि हरियाणा सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। पिंजौर और गुरुग्राम में फिल्म सिटी विकसित की जाएंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने दो चरणों में राज्य में फिल्म सिटी बनाने का फैसला किया है। पहले चरण में पंचकूला जिले के पिंजौर में 100 एकड़ जमीन पर फिल्म सिटी बनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “जमीन का चयन हो चुका है और कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है।” “दूसरे चरण में गुरुग्राम में फिल्म सिटी बनाई जाएगी, जहां प्रक्रिया के लिए जमीन की पहचान की जा रही है। इसके अलावा, दूरदर्शन पर सप्ताह में एक बार हरियाणवी फिल्मों का प्रसारण शुरू करने के लिए प्रसार भारती के साथ चर्चा की जा रही है।”
उन्होंने कहा कि दादा लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स (एसयूपीवीए) को हरियाणा के हर विश्वविद्यालय में फिल्म निर्माण पाठ्यक्रम शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके अलावा, शिक्षा विभाग के सहयोग से एसयूपीवीए हर स्कूल में थिएटर शिक्षा शुरू करने की दिशा में भी काम करेगा।
उन्होंने कहा कि नीति को लागू करने के लिए हरियाणा फिल्म प्रमोशन सेल की स्थापना की गई है। यह सेल हरियाणा को फिल्म निर्माण के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देगा, आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करेगा और फिल्म उद्योग के विकास के लिए रियायतें, प्रोत्साहन और समर्थन की सिफारिश करेगा। इसके अलावा, हरियाणा फिल्म प्रमोशन बोर्ड का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शूटिंग की अनुमति देने की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि फिल्म नीति का प्राथमिक उद्देश्य हरियाणा में एक समृद्ध फिल्म संस्कृति को बढ़ावा देना है, इसे फिल्म निर्माण के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाना है और साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। फिल्म नीति फिल्मों के निर्माण, संपादन और प्रदर्शन के लिए आवश्यक बुनिया
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