उद्योग, संसदीय कार्य और श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को शिलाई विधानसभा क्षेत्र के सतौन में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के लिए भूमि पूजन किया। स्कूल का निर्माण पहले चरण में 5.85 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
निवासियों को बधाई देते हुए चौहान ने कहा कि राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल पहल हिमाचल प्रदेश सरकार का एक प्रमुख शैक्षणिक कार्यक्रम है। इस पहल का उद्देश्य राज्य भर के सरकारी स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा स्कूल खोलने की योजना बना रही है। वर्तमान में 18 से 20 स्थानों पर काम चल रहा है, जबकि कई अन्य स्थानों पर प्रक्रिया चल रही है।
चौहान ने इस पहल को शिक्षा के क्षेत्र में एक दूरदर्शी कदम बताया, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों को अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस करना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, खेल के मैदान, इनडोर स्टेडियम, रेसिंग ट्रैक, स्विमिंग पूल और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए समर्पित स्थान होंगे।
शिलाई विधानसभा क्षेत्र में समग्र विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए चौहान ने कहा कि सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पेयजल और बिजली सहित क्षेत्रों के लिए 250 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। उन्होंने कहा कि उचित बजटीय प्रावधानों के साथ सभी विकास कार्य सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
पिछली सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए मंत्री ने दावा किया कि वित्तीय सहायता के बिना शिक्षण संस्थानों के अनियोजित विस्तार के कारण शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आई है। शिक्षकों को मौजूदा स्कूलों से नए स्कूलों में स्थानांतरित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों ही स्कूलों में कर्मचारियों और सुविधाओं की कमी हो गई।
इस समस्या से निपटने के लिए मौजूदा सरकार ने कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं, जिसमें करीब 6,500 शिक्षकों की भर्ती शामिल है, खास तौर पर दूरदराज के इलाकों में। चौहान ने बताया कि अकेले शिलाई विधानसभा क्षेत्र में ही उनके कार्यकाल के दौरान करीब 300 खाली शिक्षकों के पद भरे गए हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा शुरू किए गए शैक्षिक सुधारों के अब परिणाम सामने आ रहे हैं। वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) 2025 का हवाला देते हुए, चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, देश में छात्रों के बीच पढ़ने की सबसे अच्छी दक्षता है। सर्वेक्षण में राज्य को कई संकेतकों में स्कूली शिक्षा में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से एक माना गया है।
इस अवसर पर मंत्री ने स्थानीय महिलाओं को 100 इंडक्शन कुकटॉप भी वितरित किए। उन्होंने सतौन सामुदायिक भवन के लिए 10 लाख रुपये, सतौन में पुस्तकालय के लिए 4 लाख रुपये और सिंचाई कुहलों की मरम्मत के लिए धनराशि की भी घोषणा की।
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