July 4, 2025
National

कैबिनेट बैठक : 3.5 करोड़ नौकरियों के अवसर, 1 लाख करोड़ रुपए की रोजगार प्रोत्साहन योजना को हरी झंडी

Cabinet meeting: 3.5 crore job opportunities, green signal to employment promotion scheme of Rs 1 lakh crore

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान देते हुए सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ईएलआई) को मंजूरी दे दी है।

ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी, जिसका कुल बजट परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपए है।

इस योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने तक का वेतन 15,000 रुपए तक मिलेगा, वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार पैदा करने के लिए दो वर्ष की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को दो वर्ष के लिए विस्तारित लाभ दिया जाएगा।

ईएलआई योजना का 99,446 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ लक्ष्य दो वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार वर्कफोर्स में प्रवेश करने वाले होंगे। इस योजना का लाभ 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होगा।

यह योजना दो भागों में लाई जा रही है, जिसमें पहला भाग पहली बार आवेदन करने वालों पर केंद्रित है और दूसरा भाग नियोक्ताओं पर केंद्रित है।

पहले भाग के तहत, ईपीएफओ के साथ पंजीकृत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए एक महीने का ईपीएफ वेतन 15,000 रुपए तक दो किस्तों में दिया जाएगा। 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र होंगे।

पहली किस्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद दी जाएगी।

बचत को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोत्साहन का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए जमा खाते के बचत साधन में रखा जाएगा और कर्मचारी द्वारा बाद की तारीख में निकाला जा सकता है।

इस भाग के तहत पहली बार नौकरी पर आने वाले लगभग 1.92 करोड़ कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

दूसरे भाग के तहत, सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को शामिल किया जाएगा, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नियोक्ताओं को 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारियों के संबंध में प्रोत्साहन मिलेगा।

सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो वर्ष तक 3,000 रुपए प्रतिमाह तक का प्रोत्साहन देगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा।

ईपीएफओ के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने की आवश्यकता होगी।

प्रोत्साहन स्ट्रक्चर इस प्रकार होगा कि 10,000 रुपए के ईपीएफ वेतन स्लैब वाले अतिरिक्त कर्मचारी के लिए नियोक्ता को प्रोत्साहन के रूप में 1,000 रुपए मिलेंगे। 10,000 से 20,000 रुपए के वेतन स्लैब के लिए नियोक्ता को प्रति कर्मचारी 2,000 रुपए का प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि 20,000 रुपए से अधिक और 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारी के लिए प्रोत्साहन 3,000 रुपए तक होगा।

इस भाग से लगभग 2.60 करोड़ लोगों के अतिरिक्त रोजगार के सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि योजना के पहले भाग के तहत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को सभी पेमेंट ‘आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम’ का उपयोग कर डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) मोड के माध्यम से किए जाएंगे। भाग बी के तहत नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन-लिंक्ड खातों में किया जाएगा।

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