July 4, 2025
Punjab

सुखबीर ने कहा, मजीठिया साजिश का शिकार, सीएम को आरोप साबित करने की चुनौती

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को कहा कि गिरफ्तार पार्टी नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ‘‘विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा रची गई साजिशों का शिकार’’ हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को उनके खिलाफ धन शोधन के आरोपों को साबित करने की चुनौती दी।

यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पर लगातार झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया और कहा कि ये आरोप कानूनी जांच में टिक नहीं पाएंगे।

चट्टोपाध्याय ने शुक्रवार को दावा किया था कि मजीठिया और मादक पदार्थ तस्करों के बीच गठजोड़ है, लेकिन पिछली राज्य सरकारों ने पर्याप्त सबूत होने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की।उन्होंने यह बात अकाली नेता के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति मामले में सतर्कता ब्यूरो के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने के

बादल ने मान को चुनौती दी कि वे साबित करें कि सराया इंडस्ट्रीज लिमिटेड, जिसमें मजीठिया को 11 प्रतिशत शेयर विरासत में मिले थे, को विदेशी फंडिंग मिली थी।

राज्य सरकार और सतर्कता ब्यूरो ने एक प्रेस बयान और एफआईआर में दावा किया था कि मजीठिया मादक पदार्थों से प्राप्त धन को सफेद करने में संलिप्त थे, जैसा कि सराया इंडस्ट्रीज और अन्य कंपनियों के साथ लेनदेन से पता चलता है।

बादल ने कहा, “सरया इंडस्ट्रीज को एकमात्र विदेशी फंडिंग मार्च 2006 में मिली थी (राज्य में शिअद की सरकार बनने से एक साल पहले) जब उसे कंपनी में 25 प्रतिशत शेयर के बदले अमेरिका स्थित क्लियरवाटर कॉरपोरेशन से 35 करोड़ रुपये मिले थे। मजीठिया ने राजनीति में 2007 में ही प्रवेश किया था।”

उन्होंने यह भी दावा किया कि क्लियरवाटर कॉरपोरेशन, जिसके कई देशों में कार्यालय हैं, ने वैश्विक स्तर पर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। “इस कंपनी द्वारा एनबीएफसी के माध्यम से सराया इंडस्ट्रीज में किया गया सारा निवेश भारतीय रिजर्व बैंक से उचित मंजूरी और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी के बाद किया गया था।”

उन्होंने कहा, ‘‘इससे स्पष्ट रूप से साबित होता है कि विदेशी फंडिंग के जरिए सराया इंडस्ट्रीज में 540 करोड़ रुपये के निवेश का दावा बेतुका और दुर्भावनापूर्ण है तथा यह केवल मजीठिया को बदनाम करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।’’

शिअद अध्यक्ष ने इस बात की भी निंदा की कि किस तरह से सेवानिवृत्त अधिकारियों का इस्तेमाल आप सरकार द्वारा मजीठिया को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “पूर्व डीजीपी चट्टोपाध्याय वही व्यक्ति हैं जिन्होंने पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था और यहां तक ​​कि बादल परिवार के स्वामित्व वाली विदेशी संपत्तियों के सबूत खोजने के लिए सरकारी खर्च पर कई देशों की यात्रा भी की थी।”

बादल ने कहा, “किसी सबूत के अभाव में पूरा मामला ख़त्म हो गया।”

शिअद अध्यक्ष ने कहा कि सेवानिवृत्त प्रवर्तन निदेशक निरंजन सिंह को इसमें शामिल किया जा रहा है, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय, जिसने मजीठिया को क्लीन चिट दे दी थी, को मामले के दायरे से बाहर रखा जा रहा है।

बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।

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