प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना के तहत जल्द ही हिमाचल प्रदेश के हर जिले में एक आदर्श सौर गांव स्थापित किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 1 करोड़ रुपये होगी। इस पहल के तहत शिमला जिला प्रशासन ने चार गांवों – त्यावल, चकडेल, नेरवा और सुंडा भौरा को चुना है, जिनमें से एक को इस परियोजना के लिए चुना जाएगा।
योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला स्तरीय समिति की बैठक बुलाई गई। बैठक में लाभार्थियों की पहचान, अंतर-विभागीय समन्वय और जनता के बीच जागरूकता पैदा करने पर चर्चा की गई।
डीसी कश्यप ने कहा कि यह योजना ग्रामीण परिवारों तक स्वच्छ और टिकाऊ सौर ऊर्जा पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने से न केवल बिजली की खपत कम होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को पात्र निवासियों को समय पर लाभ वितरित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया।
योजना के प्रोत्साहनों के बारे में बताते हुए डीसी ने कहा कि 2 किलोवाट तक की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जबकि 2 किलोवाट से 3 किलोवाट के बीच की प्रणाली के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध होगी, जिसमें सब्सिडी की सीमा 3 किलोवाट क्षमता तक सीमित होगी। इसके अतिरिक्त, पंचायतों को उनके क्षेत्र में प्रत्येक छत पर सौर ऊर्जा स्थापना के लिए 1,000 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
बैठक का समापन इस बात के आह्वान के साथ हुआ कि योजना की सफलता सुनिश्चित करने तथा चयनित गांव को स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के मॉडल में बदलने के लिए सभी विभागों द्वारा समन्वित प्रयास किए जाएं।
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