करनाल सहकारी चीनी मिल को तकनीकी दक्षता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मिल के प्रबंध निदेशक राजीव प्रसाद ने बताया कि यह पुरस्कार 3 जुलाई को राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल संघ (एनएफसीएसएफ) द्वारा आयोजित वार्षिक राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार समारोह के दौरान प्रदान किया गया। मिल के अधिकारियों और निदेशक मंडल के सदस्यों ने पुरस्कार प्राप्त किया।
प्रसाद ने बताया कि मिल ने 2023-24 के लिए अपना पेराई सत्र 15 नवंबर 2023 को शुरू किया था और बिना किसी रुकावट के 11 अप्रैल 2024 को इसे पूरा कर लिया। इस सत्र के दौरान मिल ने 49.34 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की और 4.90 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया। इस निरंतर प्रदर्शन और परिचालन उत्कृष्टता ने मिल को तकनीकी दक्षता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई।
किसानों की सुविधा बढ़ाने के लिए मिल ने ऑनलाइन टोकन सिस्टम लागू किया है, जिससे किसान खुद ही टोकन बना सकते हैं और अपनी गन्ना ट्रॉलियों पर चिपका सकते हैं। इसके अलावा मिल ने पेराई सत्र के दौरान किसानों की किसी भी समस्या के लिए दो समर्पित हेल्पलाइन नंबर – 9034165736 और 9034165436 – स्थापित किए हैं। प्रसाद ने कहा कि यह सिस्टम सफलतापूर्वक चल रहा है।
मिल की किसान हितैषी प्रथाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि किसान दो-तीन घंटे में अपनी ट्रॉलियाँ खाली कर पाते हैं और जल्दी घर लौट पाते हैं। मिल ने गन्ने का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया है, साथ ही मौजूदा सत्र के सभी बकाये का भुगतान पहले ही कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पेराई सत्र के दौरान दो-तीन दिनों के भीतर भुगतान किया गया।
एमडी ने बताया कि मिल के 18 मेगावाट के सह-उत्पादन संयंत्र ने 351.38 लाख किलोवाट घंटे बिजली पैदा की, जिससे 22.31 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ। इससे मिल की वित्तीय लाभप्रदता में महत्वपूर्ण योगदान मिला।
पेराई सत्र के दौरान किसानों की सहायता के लिए गन्ना यार्ड में विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें रात भर ठहरने की व्यवस्था और चाय कैंटीन शामिल है। उन्होंने बताया कि मिल ‘अटल मजदूर किसान कैंटीन’ चला रही है, जहां किसानों को सिर्फ 10 रुपये में भोजन परोसा जाता है।
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