July 5, 2025
Haryana

मनोहर लाल खट्टर ने नगर निकायों से संसद की तरह औपचारिक सदन सत्र आयोजित करने का आग्रह किया

Manohar Lal Khattar urges municipal bodies to hold formal house sessions like Parliament

केंद्रीय ऊर्जा, आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) से लोकसभा और विधानसभाओं के सत्रों की तरह ही एक संरचित प्रारूप में अपनी कार्यवाही संचालित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रथाओं से पारदर्शिता, जवाबदेही और बेहतर शहरी शासन को बढ़ावा मिलेगा।

खट्टर ने कहा, “लोकसभा और विधानसभाओं की तरह शहरी स्थानीय निकायों को भी औपचारिक सदन सत्र आयोजित करना चाहिए, जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष के तौर पर चुने गए व्यक्ति द्वारा की जाए। इससे शासन की अधिक पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली स्थापित करने में मदद मिलेगी।”

वह गुरुग्राम में शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

खट्टर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह पहली बार था जब शहरी स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों का इतने बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। उन्होंने इस आयोजन को शहरी शासन के लिए क्षमता निर्माण में मील का पत्थर बताया, साथ ही कहा कि सर्वोत्तम प्रथाओं और चुनौतियों को साझा करने के लिए नियमित रूप से इसी तरह के मंच आयोजित किए जाने चाहिए।

उन्होंने व्यापक भागीदारी के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का लाभ उठाने के महत्व पर भी जोर दिया, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में व्यापक सार्वजनिक भागीदारी संभव हो सके।

उन्होंने कहा, “व्यापक सहभागिता से अधिक लोगों को योगदान करने और हमारे शहरों की सूरत बदलने में मदद करने का अधिकार मिलेगा।” कार्यक्रम में उपस्थित हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा ने ‘स्मार्ट सिटी’ के विचार से आगे जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा, “शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों को अपने शहरों को न केवल स्मार्ट बनाने का प्रयास करना चाहिए, बल्कि उन्हें सक्षम, समावेशी और टिकाऊ भी बनाना चाहिए ताकि ‘विकसित भारत’ का विजन केवल एक लक्ष्य न होकर जमीनी हकीकत बन जाए।”

इसी भावना को प्रतिध्वनित करते हुए मध्य प्रदेश के शहरी विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नागरिक नियोजन में जनता की अधिक भागीदारी का आह्वान किया। विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘शहरी स्थानीय निकायों में जनता की भागीदारी को एक जन आंदोलन में बदलना होगा।’’

खट्टर ने शहरी विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया तथा शहरों से ई-मोबिलिटी और टिकाऊ यातायात समाधान अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार में भारत की प्रगति का हवाला दिया तथा कहा कि 2002 में पहली मेट्रो शुरू होने के बाद से देश में प्रभावशाली प्रगति हुई है।

उन्होंने कहा, “हालांकि अमेरिका की तुलना में भारत में मेट्रो रेल सेवाएं बहुत बाद में शुरू हुईं, जहां मेट्रो 150 वर्षों से अधिक समय से मौजूद हैं, लेकिन अब हमारे पास 21 शहरों में 1,000 किलोमीटर तक फैले मेट्रो नेटवर्क हैं – जो अमेरिकी नेटवर्क के बराबर है।”

उन्होंने कहा कि आगे विस्तार के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं, जिन्हें केंद्र के शहरी चुनौती कोष से समर्थन प्राप्त है, जिसके तहत पुनर्विकास परियोजनाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

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