वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) पर सहायक प्रोफेसर के पदों पर भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। आज यहां कांग्रेस भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुरजेवाला ने दस्तावेज साझा करते हुए दावा किया कि इनसे उनके द्वारा लगाए गए आरोप साबित होते हैं।
उन्होंने एचपीएससी को तत्काल भंग करने की मांग की और इसे ‘हेरा फेरी सेवा आयोग’ बताया तथा भाजपा को ‘भारती जलसाजी पार्टी’ करार दिया। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
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कांग्रेस सांसद ने 24 श्रेणियों में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती में अनियमितताओं को सबूत के तौर पर बताते हुए कहा कि नायब सिंह सैनी सरकार हरियाणा के युवाओं का करियर खराब करने में खुली संलिप्त रही है।
उन्होंने मुख्यमंत्री और एचपीएससी अधिकारियों पर चुनिंदा उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर प्रयास करने का आरोप लगाया, जबकि 2019 से इन भर्तियों का इंतजार कर रहे लाखों पात्र आवेदकों की अनदेखी की गई।
एचपीएससी को तत्काल भंग करने की मांग करते हुए सुरजेवाला ने सभी सहायक प्रोफेसरों की भर्ती परीक्षाओं को पारदर्शी तरीके से दोबारा आयोजित करने और पूरे मामले की न्यायिक जांच की भी मांग की।
सुरजेवाला ने विशेष घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रश्नपत्रों पर बार-बार टूटी हुई सील मिलने की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि 29 मई को आयोजित राजनीति विज्ञान के पेपर के लिफाफों की सील टूटी हुई थी। इसी तरह, 1 जून को आयोजित हिंदी के पेपर में भी छह लिफाफों की सील टूटी हुई थी। उन्होंने कहा कि पेपर में 27 सवाल पूरी तरह से गलत थे।
इसके बावजूद, एचपीएससी के चेयरमैन आलोक वर्मा ने 30 मई को एक लिखित बयान जारी कर दावा किया कि पैकिंग के दौरान सील टूट गई थी और बाकी सब कुछ ठीक था। हालांकि, तीन दिन बाद ही – 3 जून को – पेपर रद्द कर दिया गया, जो एचपीएससी के अपने औचित्य का खंडन करता है और गलत काम के स्पष्ट सबूत पेश करता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भूगोल के पेपर (8 जून) में 26 प्रश्न बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के पेपर से शब्दशः कॉपी किए गए थे। इसके अलावा, छह अतिरिक्त प्रश्न आंशिक रूप से कॉपी किए गए थे।
सुरजेवाला ने एचपीएससी के चेयरमैन आलोक वर्मा की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए, जिन्हें बिहार से लाया गया था और अब वे बिहार के पेपर से 32 सवाल कॉपी करने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि इससे हेराफेरी का रास्ता खुल जाता है, जहां चयनित उम्मीदवारों को सफलता की गारंटी के लिए बस बिहार के पुराने प्रश्नपत्रों का अध्ययन करने के लिए कहा जाता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि हरियाणा की भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता को जो क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती, जब तक कि त्वरित और निर्णायक कार्रवाई नहीं की जाती।
उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक आधार पर अंक देने की नीति को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिससे अब करीब 22,000 चयनित लोगों की नौकरी सवालों के घेरे में आ गई है। उन्होंने कहा, “युवा भाजपा सरकार की राजनीतिक बेईमानी और पक्षपातपूर्ण रवैये का शिकार हो रहे हैं।”
रणदीप ने आरोप लगाया कि हरियाणा में भी बिहार की तरह गुंडाराज कायम है। उन्होंने कहा, “2005 से पहले भी हरियाणा में गुंडाराज था, जिसे कांग्रेस सरकार के 10 साल के कार्यकाल में खत्म किया गया।”
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार प्रवीण अत्रेय ने कहा कि हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद सुरजेवाला अपना संतुलन खो बैठे हैं। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में पर्ची-खर्ची और पक्षपात को खत्म किया। उन्हें निष्पक्षता और पारदर्शिता नहीं पच रही है। कांग्रेस जनता का विश्वास खो चुकी है और भाजपा की लगातार तीसरी जीत से साफ है कि जनता को भाजपा सरकार पर भरोसा है और वह योग्यता के आधार पर रोजगार चाहती है, पक्षपात नहीं।”
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