July 12, 2025
Entertainment

राजकुमार राव ने ‘मालिक’ में दी करियर की सबसे शानदार परफॉर्मेंस, गैंगस्टर ‘सागा’ ने मचाया धमाल

Rajkumar Rao gave the best performance of his career in ‘Malik’, Gangster ‘Saga’ rocked

स्टार : 4, निर्देशक: पुलकित, कलाकार: राजकुमार राव, प्रोसेनजीत चटर्जी और मानुषी छिल्लर।

पावरफुल गैंगस्टर ड्रामा ‘मालिक’ का ताना-बाना 1988 के इलाहाबाद की गलियों के इर्द-गिर्द बुना गया है। यह फिल्म भावनात्मक गहराई के साथ ‘रॉ इंटेंसिटी’ को भी पर्दे पर पेश करती है। फिल्म में राजकुमार राव अपनी अब तक की सबसे अलग हटकर भूमिका में नजर आए। मालिक, एक बेरहम गैंगस्टर के रूप में चमकते हैं, जिसमें क्रोध है तो चालाकी भी है, जिसके साथ वह गैंगस्टर वर्ल्ड पर हावी रहता है।

राव के दमदार डायलॉग्स, जैसे “पैदा नहीं हुए तो क्या, बन तो सकते हैं मालिक”, “हम मजदूर बाप के बेटे हैं; ये किस्मत थी हमारी, अब मजबूत बेटे का बाप बनना पड़ेगा, ये किस्मत है आपकी।” यह सब अमिताभ बच्चन के समय के क्लासिक गैंगस्टर ड्रामा की पुरानी यादों को ताजा करता है, जिससे राजकुमार राव की परफॉरमेंस आकर्षक और कभी न भूल पाने वाली बन जाती है।

फिल्म में मानुषी छिल्लर ‘मालिक’ के अशांत जीवन में एक भावनात्मक पिलर के रूप में हैं, जिनके किरदार का नाम ‘शालिनी’ है और इस भूमिका में प्रभावित करती हैं। उन्होंने अपने किरदार में मौजूद शालीनता को दमदार तरीके से निभाया है। दोनों के बीच की केमिस्ट्री शानदार है।

निर्देशक पुलकित की ‘मालिक’ पहली थिएटर फिल्म है, वह एक कसी हुई और मनोरंजक कहानी गढ़ते हैं जो दर्शकों पर अपनी पकड़ कभी नहीं छोड़ती।

फिल्म की पटकथा बहुत कसी हुई है- जो तनावपूर्ण क्षणों, सही-गलत की दुविधा और कई अप्रत्याशित मोड़ से भरपूर है। यह शुरू से अंत तक रोमांच को बनाए रखती है। पुलकित का अपनी फिल्म पर पूरा नियंत्रण साफ दिखता है, क्योंकि वे गंभीर एक्शन सीन्स को किरदारों से जुड़ी भावनात्मक कहानियों के साथ बड़ी सहजता से मिलाते हैं।

तकनीकी तौर पर फिल्म का बेहतर होना इसे और भी शानदार बनाता है।

सिनेमैटोग्राफी इलाहाबाद की गलियों और महत्वाकांक्षाओं को प्रभावशाली और बारीकी के साथ पर्दे पर पेश करती है।

बैकग्राउंड स्कोर विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो जोरदार होने के साथ-साथ गहरा भी है, यह हर इमोशन को बेहतरी के साथ उभारता है और सही मौकों पर टेंशन को भी बढ़ाता है, जिससे ‘मालिक’ के लिए एकदम सही माहौल बन जाता है।

इलाहाबाद और लखनऊ के वास्तविक स्थानों पर शूट की गई ‘मालिक’ प्रामाणिक और तल्लीन करने वाली फिल्म है, जो दर्शकों को सीधे अपनी नैतिक रूप से अस्पष्ट दुनिया में खींच ले जाती है। “नामुमकिन” से लेकर “दिल थाम के” तक का दमदार साउंडट्रैक, कहानी को खूबसूरत टच देता है, जिससे फिल्म देखने का पूरा अनुभव और भी यादगार बन जाता है।

‘मालिक’ को जो बात अलग बनाती है, वह यह है कि यह सिर्फ हिंसा और ड्रामा पर आधारित नहीं है, यह लालच और बंदूकों की नोक पर चलने वाली दुनिया में महत्वाकांक्षा, वफादारी और अस्तित्व के बारे में एक गहरे कैरेक्टर के साथ कहानी को पेश करता है। पुलकित का शानदार निर्देशन, राजकुमार राव की जबरदस्त एक्टिंग और फिल्म का बेजोड़ शिल्प, मिलकर एक ऐसा गैंगस्टर ड्रामा प्रस्तुत करते हैं, जो जितना रोमांचक है उतना ही विचारोत्तेजक भी।

‘मालिक’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव है। यह भावनात्मक रूप से भरी एक ऐसी थ्रिलर है जो अपनी परतदार कहानी और यादगार किरदारों के साथ गैंगस्टर जॉनर को फिर से परिभाषित करती है।

फिल्म के कलाकारों के जबरदस्त अभिनय, मनोरंजक कहानी और बेहतरीन सिनेमाई शिल्प के लिए ‘मालिक’ जरूर देखें।

Leave feedback about this

  • Service