बिहार में वोटर लिस्ट में वेरिफिकेशन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। विपक्ष चुनाव आयोग की ओर से कराए जा रहे वेरिफिकेशन को गरीबों-वंचितों के अधिकार को छीनने वाला प्रयोग बता रहा है। इस बीच तेजस्वी यादव के बयान से सियासत तेज हो गई है।
तेजस्वी यादव का यह बयान उस वक्त आया है, जब दावा किया जा रहा है कि वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन में विदेशी नागरिकों के नाम सामने आए हैं।
तेजस्वी के विवादित बयान पर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जिन शब्दों का इस्तेमाल तेजस्वी यादव की ओर से किया गया है, वह असभ्य और जंगली है।
तेजस्वी यादव से मीडिया ने सवाल किया था कि वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के दौरान बांग्लादेशी, म्यामांर के नागरिकों के नाम सामने आए हैं। इस पर तेजस्वी ने कहा कि इसका आधार क्या है। सूत्र तो बता रहे थे कि भारत ने पाकिस्तान के इस्लामाबाद में कब्जा कर लिया है। क्या हुआ था, कब्जा तो नहीं हुआ। उसका आधार क्या था। ठीक इसी प्रकार बिहार में वोटर वेरिफिकेशन को लेकर जो कहा जा रहा है, उसका आधार क्या है।
तेजस्वी के इस बयान को जदयू के वरिष्ठ नेता ने गलत बताते हुए कहा कि भारत के नागरिक ही मतदान में हिस्सा ले सकते हैं। यह संवैधानिक व्यवस्था है। सभी भारतीयों का मतदान सुनिश्चित होना चाहिए। विदेशी नागरिकों का मतदान सुनिश्चित नहीं होना चाहिए। ऐसे लोगों का नाम लिस्ट से हटाना जरूरी है।
शुभांशु शुक्ला की भारत वापसी पर उन्होंने कहा कि उनका हार्दिक अभिनंदन है। उनकी अंतरिक्ष यात्रा वैज्ञानिकों की ऐतिहासिक सफलता है।
बिहार की कानून व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि जो घटनाएं हो रही हैं, सभी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। पुलिस की तत्परता ने अपराधियों को आराम से बैठने नहीं दिया है। सब जेल जाएंगे।
मीसा डॉक्यूमेंट को दिल्ली सरकार की ओर से सार्वजनिक करने की तैयारी पर केसी त्यागी ने कहा कि आपातकाल भारतीय संविधान का एक काला अध्याय था, जिसमें सिर्फ और सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए असंवैधानिक कदम उठाए गए थे।
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