चेन्नई, नेशनल सेंटर फॉर कोस्टल रिसर्च (एनसीसीआर) ने तमिलनाडु तट के कटाव पर एक व्यापक अध्ययन किया है और पाया है कि राज्य में 22 हॉटस्पॉट कटाव के प्रति संवेदनशील हैं।
अध्ययन से यह भी पता चला कि राज्य के कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिले समुद्री कटाव के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं।
तमिलनाडु में कटाव के लिए संवेदनशील 22 हॉटस्पॉट में से आठ इन दो जिलों में हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि नागापट्टिनम, रामनाथनपुरम, तिरुवरुर, थूथुकुडी और कन्नियाकुमारी जैसे जिले तेजी से तटरेखा खो रहे हैं।
तमिलनाडु एनसीसीआर के अध्ययन के आधार पर एक व्यापक तटरेखा प्रबंधन योजना तैयार करने की प्रक्रिया में है।
एनसीसीआर ने राज्य के तट पर कटाव पर व्यापक अध्ययन तैयार करने के लिए आईआईटी, मद्रास, लोक निर्माण विभाग और तमिलनाडु राज्य मत्स्य पालन विभाग के इनपुट का उपयोग किया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, एनसीसीआर कटाव को रोकने के लिए विभिन्न समाधानों की सिफारिश करेगा, इसमें सीआरजेड-2 या विकसित क्षेत्रों में ग्रोइन्स और सीवॉल जैसी कठोर संरचनाएं शामिल हैं। सीआरजेड-3 क्षेत्रों (अबाधित क्षेत्र) में नरम और प्रकृति आधारित समाधानों का उपयोग किया जाएगा।
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अनुमोदित तटरेखा प्रबंधन योजना होने तक किसी भी कठोर कटाव-रोधी संरचनाओं के निर्माण पर रोक लगा दी है।
एनसीसीआर ग्रोइन्स जैसी कठोर संरचनाओं के निर्माण पर भी सतर्क है, क्योंकि इससे समस्या एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हो जाएगी।
Leave feedback about this