चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने शुक्रवार को नूंह विध्वंस मामले को अपने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखने का निर्देश दिया।
जस्टिस अरुण पल्ली और जगमोहन बंसल की पीठ ने कहा कि नियमानुसार इस मामले को प्रथम खंड पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए था।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ कुछ दिनों से अदालत में सुनवाई नहीं कर रही है।
अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सभरवाल ने पीठ को बताया कि यह जातीय नरसंहार का मामला नहीं है और कानून के तहत निर्धारित उचित प्रक्रिया का पालन किया गया है।
उन्होंने विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय भी मांगा।
उच्च न्यायालय ने सोमवार को हरियाणा सरकार के नूंह जिले में चल रहे विध्वंस अभियान से रोक दिया था, जहां 31 जुलाई को सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, जिसमें छह लोग मारे गए थे।
न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और राज्य से अगले आदेश तक कोई भी विध्वंस कार्रवाई नहीं करने को कहा था।
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