बेंगलुरु, 19वें एशियाई खेल हांगझाऊ 2022 के लिए 18 सदस्यीय टीम में जगह बनाने के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम के फॉरवर्ड गुरजंत सिंह अपने कौशल और अनुभव से टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करना चाहते हैं।
28 वर्षीय फारवर्ड जिन्होंने 2017 में टेस्ट सीरीज के दौरान बेल्जियम के खिलाफ अपनी सीनियर टीम की शुरुआत की थी, चोट के कारण एशियाई खेलों के पिछले संस्करण से चूक गए थे। अब नए सीजन में इस मार्की कॉन्टिनेंटल इवेंट में गुरजंत की यह पहली उपस्थिति होगी जिसे लेकर वो काफी उत्साहित हैं।
हॉकी इंडिया की वेबसाइट ने गुरजंत के हवाले से कहा, “मैं चोट के कारण एशियाई खेलों के पिछले संस्करण में नहीं खेल पाया था। लेकिन, इस बार अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका पाकर मैं सम्मानित और उत्साहित हूं। पिछले कुछ महीनों में, मैंने अपने कौशल पर कड़ी मेहनत की है और मैं टीम को लक्ष्य हासिल करने में मदद करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने को उत्सुक हूं।”
भारत की वर्तमान फॉरवर्ड लाइन के मुख्य आधारों में से एक गुरजंत को उनके चचेरे भाई ने हॉकी से परिचित कराया था, जो उनके जन्मस्थान अमृतसर, पंजाब से लगभग 40 किमी दूर बटाला में रहते थे।
भारत को लखनऊ में 2016 एफआईएच जूनियर पुरुष विश्व कप जीतने में मदद करने से पहले गुरजंत ने चंडीगढ़ हॉकी अकादमी में अपने कौशल को निखारा। उन्होंने टीम की यादगार जीतों में योगदान दिया, जिसमें टोक्यो 2020 ओलंपिक में कांस्य पदक जीत, एफआईएच प्रो लीग 2022/23 में तीसरा स्थान हासिल करना, राष्ट्रमंडल खेल 2022 में रजत पदक और हाल ही में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में खिताबी जीत शामिल है।
आगामी एशियाई खेलों में अपनी भूमिका के बारे में गुरजंत ने कहा, “यह अब तक एक अद्भुत यात्रा रही है। मुझे हमेशा अपने साथियों से समर्थन मिला है और मैं इसके लिए वास्तव में आभारी हूं। मैं काफी समय से टीम का हिस्सा रहा हूं। एशियाई खेलों में मेरी भूमिका अलग होगी, जिसे मैं हर हाल में पूरा करने के लिए तैयार हूं।”
भारत को पूल ए में पाकिस्तान, जापान, बांग्लादेश, सिंगापुर और उज्बेकिस्तान के साथ रखा गया है। वे 24 सितंबर 2023 को उज्बेकिस्तान के खिलाफ अपने 19वें एशियाई खेल हांगझाऊ 2022 अभियान की शुरुआत करेंगे।
अब तक 91 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके गुरजंत ने कहा कि टीम अच्छी हॉकी खेलने और अपनी योजनाओं को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
“हम जानते हैं कि दांव पर क्या है; सभी टीमों का लक्ष्य स्वर्ण जीतने से कम कुछ भी नहीं होगा। यह निश्चित रूप से कठिन होगा, लेकिन हम चुनौती के लिए तैयार हैं और स्वर्ण जीतने और पेरिस 2024 के लिए क्वालीफाई करने पर अपना सब कुछ लगा देंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि हमने चेन्नई में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में कुछ टीमों के खिलाफ जीत हासिल की लेकिन हम इसे हल्के में नहीं ले सकते। वहां गुणवत्तापूर्ण टीमें हैं, हमारा ध्यान अच्छी हॉकी खेलने और अपनी योजनाओं को मजबूत करने पर होगा।”
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