November 24, 2024
National

असम में नौकरी के बदले नकद घोटाला मामले में 21 सरकारी अधिकारी निलंबित

गुवाहाटी, 2 दिसंबर  । असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में नौकरी के बदले नकद घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने वरिष्ठ पुलिस कर्मियों सहित 21 उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

निलंबित अधिकारियों में असम सिविल सेवा (एसीएस) के 10 अधिकारी और असम पुलिस सेवा (एपीएस) के 11 अधिकारी शामिल हैं।

जब पिछले एपीएससी अध्यक्ष राकेश पॉल को नवंबर 2016 में डिब्रूगढ़ में पुलिस ने हिरासत में लिया था तब यह स्पष्ट हो गया था कि एपीएससी द्वारा 2013, 2015 और 2016 में आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) में कथित अनियमितताएं थीं।

इसी वर्ष मार्च में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था। उनके पकड़े जाने के बाद कथित संलिप्तता के लिए कम से कम 57 और सरकारी अधिकारियों को हिरासत में लिया गया।

मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने जांच फिर से शुरू की और 2021 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बिप्लब कुमार शर्मा के नेतृत्व में एक जांच पैनल की स्थापना की।

सीएम सरमा ने आरोपों की अधिक गहनता से जांच करने के लिए पिछले महीने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) स्थापित करने की अनुमति दी थी।

हाईकोर्ट को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) (सीआईडी) मुन्ना प्रसाद गुप्ता की अध्यक्षता वाली एसआईटी से छह महीने में रिपोर्ट मिलेगी।

इससे पहले, असम सरकार को बिप्लब कुमार सरमा के नेतृत्व वाली समिति से एक रिपोर्ट मिली थी, जिसमें घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए 2013 बैच के 34 अधिकारियों को सूचीबद्ध किया गया था।

इससे राज्य सरकार को उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए प्रेरित होना पड़ा। 34 अधिकारियों में से 29 को एसआईटी ने बुलाया था और दो को पिछले हफ्ते हिरासत में ले लिया गया था।

असम के राज्यपाल ने अपने आदेश में लिखा कि न्यायमूर्ति बीके शर्मा की समिति ने सीसीई-2013, 2015 और 2016 में एपीएससी के पूर्व अध्यक्ष राजेश पॉल द्वारा रुपये और अन्य अनावश्यक विचारों के बदले उम्मीदवारों के चयन में विसंगतियों और कदाचार की सूचना दी।

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