पटना, । बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद अब सभी दल राज्यसभा चुनाव को लेकर जोड़-तोड़ में जुट गए हैं। बिहार में छह सीटों के लिए 27 फरवरी को हो रहे द्विवार्षिक चुनाव के लिए आठ फरवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
राज्यसभा के लिए विधानसभा में विधायकों की संख्या पर गौर करें तो इस बार भाजपा को एक सीट का लाभ होगा, जबकि जदयू को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है। विधानसभा की संख्या बल के आधार पर भाजपा दो, जदयू एक और राजद दो सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार को आसानी से जीत दिलवा लेंगे, लेकिन छठी सीट के लिए दलों को अपने सहयोगियों के भरोसे रहना होगा।
जदयू में पुराने समाजवादी नेता वशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और अशफाक करीम, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह व भाजपा के सुशील कुमार मोदी शामिल हैं। संख्या बल के हिसाब से राजद की दोनों सीटें बरकरार रह जाएंगी, लेकिन कांग्रेस को अपनी एक सीट बचाने के लिए विपक्षी दलों के आसरे रहना होगा। भाजपा को एक सीट का लाभ होगा।
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