भोपाल/हरदा, 7 फरवरी । मध्य प्रदेश के हरदा जिले में संचालित एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए कई विस्फोटों के बाद लगी भीषण आग में मरने वालों की संख्या 12 हो गई है और डेढ सौ से ज्यादा लोग घायल हैं। कई घायलों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है। रात होने के बावजूद राहत और बचाव कार्य जारी है।
हरदा के बैरागढ़ इलाके में मगरधा रोड के करीब एक आवासीय बस्ती है और यहां एक अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। इस फैक्ट्री में मंगलवार की सुबह विस्फोटों के साथ आग लग गई। आसमान पर आग और धुएं के गुबार नजर आए। आग ने विकराल रुप ले लिया और उसने कई मकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। जिस इमारत में यह पटाखे बनाने का काम चल रहा था, वह और उसके आसपास की कई इमारतें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं।
जानकारी के अनुसार, मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। घायलों की संख्या 167 है। इनमें से 142 मरीजों का जिला अस्पताल व 25 का भोपाल के अस्पताल में उपचार जारी है। आग पर काबू पाने के लिए आसपास के क्षेत्र से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गई है। पूरे दिन राहत और बचाव कार्य चला और अंधेरा होने पर रोशनी का इंतजाम किया। देर रात तक राहत और बचाव कार्य अपनी गति से जारी था। एक दर्जन से ज्यादा जेसीबी मशीन और फायर बिग्रेड की गाड़ियां लगी हुई थीं। पूरा इलाका मलबे में तब्दील हो गया है। मलबे को हटाने का काम चल रहा है, मगर बीच-बीच में धुआं और आग नजर आ जाती है तो वहीं पटाखों की गूॅज भी सुनाई दे जाती है।
राज्य के मुख्यमंत्री डाॅॅ. मोहन यादव ने इस हादसे को लेकर एक्स पर लिखा है, “हरदा में पटाखा फैक्ट्री में आग लगने का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। मंत्री उदय प्रताप सिंह और वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं।”
उन्होंने इस हादसे में झुलसे और घायलों को बेहतर उपचार मुहैया कराने को लेकर भोपाल तथा इंदौर में मेडिकल कॉलेज और एम्स भोपाल में बर्न यूनिट को आवश्यक तैयारी करने को कहा है। साथ ही इंदौर व भोपाल से फायर ब्रिगेड की दमकलों को भी भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री देर शाम को हमीदिया अस्पताल पहुंचे और हरदा से आए घायलों का हाल जाना। साथ ही, इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
इस फैक्ट्री में पटाखों में विस्फोट और आग के विकराल रुप लेने के बाद आसपास के कई मकान भी इस आग की चपेट में आ गए। इतना ही नहीं, फैक्ट्री के आसपास के इलाके में मकान से उछले ईंट-पत्थर ने सड़कों से गुजरते लोगों को भी अपनी चपेट में ले लिया, जिस कारण वे सड़क पर गिर गए। कई लोग सड़क पर अचेत अवस्था में भी नजर आए।
राज्य सरकार के पूर्व मंत्री कमल पटेल ने भी इस हादसे को दुखद बताया है, उनका कहना है कि आग भीषण है और उस पर काबू पाने के लिए आसपास के क्षेत्र से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गई हैं। इस फैक्टरी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। उसके बाद कैसे चल रही थी, यह जांच के बाद ही पता चलेगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक के बाद एक कई धमाके सुनाई दिए और आग का गुबार नजर आने लगा। इसके साथ ही पटाखा फैक्टरी के आसपास के मकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। यह धमाके इतने तेज थे कि आसपास का इलाका भी दहल गया।
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