ऋषिकेश, 26 अप्रैल । 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं। जिसके लिए गुरुवार को टिहरी नरेश के नरेंद्र नगर के राजमहल में गाडू घड़े की रस्म को विधि विधान से पूरा किया गया। तिल को खल्लड़ में कूटकर हाथों से तेल निकालकर चांदी के कलश में भरा गया। इसी तेल से भगवान बद्री विशाल का अभिषेक और पूजन किया जाएगा।
ऋषिकेश में तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। दोपहर बाद कलश यात्रा ऋषिकेश से मुनि की रेती के लिए रवाना हुई। शुक्रवार रात मुनि की रेती में विश्राम करने के बाद यात्रा शनिवार को श्रीनगर के लिए रवाना होगी।
बद्रीनाथ धाम गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा 25 अप्रैल की देर शाम नरेंद्र नगर राज दरबार से निकली थी। शुक्रवार को ऋषिकेश में श्रद्धालुओं को यात्रा के दर्शन का पुण्य प्राप्त हुआ। 11 मई की शाम कई पड़ावों से होते हुए यात्रा बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी और 12 मई को धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।
गुरुवार को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार से रवाना हुई और शाम को ऋषिकेश पहुंची। 7 मई तक गाडूघड़ा तेल कलश लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। 8 मई को यात्रा सिमली, कर्णप्रयाग होते हुए पाखी गांव पहुंचेगी। 9 मई को नृसिंह मंदिर जोशीमठ और 10 मई को यात्रा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, बद्रीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी), धर्माधिकारी और वेदपाठियों के साथ रात्रि प्रवास के लिए योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी।