पंजाब को नशा मुक्त बनाने और इसे रंगला पंजाब बनाने के अपने लक्ष्य के तहत मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है, साथ ही युवाओं को खेलों में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इस पहल के तहत युवाओं को बेहतर खेल बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए जालंधर जिले में 3.18 करोड़ रुपये की लागत से 98 मॉडल खेल मैदान बनाए जाएंगे।
इस संबंधी जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि कन्वर्जेंस प्लान के तहत जिले के विभिन्न ब्लॉकों में 3.18 करोड़ रुपए की लागत से 98 मॉडल खेल मैदान बनाने की मंजूरी मिल गई है। इनमें से ब्लॉक लोहियां में 23, आदमपुर में 58 और नकोदर में 17 मॉडल खेल मैदान बनाए जाएंगे। इसमें मनरेगा से 1.74 करोड़ रुपए और अतिरिक्त स्रोतों से 1.44 करोड़ रुपए की राशि शामिल है।
डॉ. अग्रवाल ने आगे बताया कि इन खेल मैदानों में आवश्यक बुनियादी ढांचे और आधुनिक खेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार की यह पहल न केवल युवाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करेगी बल्कि उभरते हुए एथलीटों को उचित मंच भी प्रदान करेगी। संबंधित गांव या क्षेत्र के बच्चों के बीच सबसे लोकप्रिय खेल को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पहले चरण में 98 मॉडल खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं, जबकि अगले चरण में ऐसे और मैदानों के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं।
खेल मैदानों के अलावा, जालंधर जिले के विभिन्न ब्लॉकों में 2.40 करोड़ रुपये की लागत से 107 पार्क विकसित किए जाएंगे। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि इनमें लोहियां में 9 पार्क, मेहतपुर में 6, आदमपुर में 59, शाहकोट में 15 और नूरमहल में 18 पार्क शामिल हैं। इन पार्कों के लिए मनरेगा से 82.89 लाख रुपये और अन्य फंडों से 1.57 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। इन पार्कों से निवासियों को मनोरंजन और सैर-सपाटे के लिए बेहतर जगह मिलेगी।
डॉ. अग्रवाल ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इन मॉडल खेल मैदानों और पार्कों के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 40,000 से अधिक मानव दिवसों का काम सृजित होगा, जिससे गांवों में सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा और उन्हें लाभ मिलेगा।